लाइव न्यूज़ :

छत्तीसगढ़: अडाणी के जिस कोयला ब्लॉक को मंजूरी देने पर जोर दे रही सरकार, जैव विविधता संस्थान जता चुका है आपत्ति

By विशाल कुमार | Updated: November 27, 2021 11:01 IST

भारतीय जैव विविधता संस्थान ने अपने जैव विविधता रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्या कोयला क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।

Open in App
ठळक मुद्देराजस्थान विद्युत निगम का पीईकेबी कोयला ब्लॉक अडाणी इंटरप्राइजेज चलाती है।इस क्षेत्र को भारतीय जैव विविधता संस्थान प्रतिबंधित करने की मांग कर चुका है।राज्य सरकार ने डब्ल्यूआईआई की कई आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया।

रायपुर:छत्तीसगढ़ सरकार अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी के एक कोयला खदान को भारतीय जैव विविधता संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की आपत्ति के बावजूद मंजूरी देने पर जोर डाल रही है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूआईआई ने अपने जैव विविधता रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्या कोयला क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।

हालांकि, छत्तीसगढ़ सरकार उसी इलाके में स्थित परसा (पूर्वी) एवं केट बेसव (पीईकेबी) कोयला ब्लॉक में दूसरे चरण की मंजूरी देने पर जोर दे रही है।

पीईकेबी कोयला क्षेत्र राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की है और इसे अडाणी इंटरप्राइजेज चलाती है। पीईकेबी परियोजना में अडाणी इंटरप्राइजेज आधिकारिक तौर पर खनिज विकसित करने वाली और उसका संचालन करने वाली है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति की 28 अक्टूबर की बैठक में राज्य सरकार द्वारा मंजूरी देने के तत्काल अनुरोध पर समिति ने विश्लेषण किया। इसमें 1136 हेक्टेयर में फैले जंगल की जमीन को पीईकेबी कोयला क्षेत्र के लिए देने का अनुरोध किया गया है।

बैठक की रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) और राज्य सरकार ने डब्ल्यूआईआई की कई आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया।

डब्ल्यूआईआई ने राज्य में इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष को पहले से ही तेजी से बढ़ता हुआ बताते हुए चेतावनी दी कि ऐसी परिस्थिति में कोई और खतरा रोकना राज्य के लिए असंभव हो सकता है। फिलहाल, हसदेव अरण्या कोयला क्षेत्र में छह कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं जिसमें से दो में खनन होता है।

13 अक्टूबर को दो जिलों के 350 से अधिक आदिवासी अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 300 किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर रायपुर पहुंचे थे। एक दिन बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि कांग्रेस सरकार आदिवासियों के साथ खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी।

टॅग्स :छत्तीसगढ़भूपेश बघेलAdani Enterprisesकोयला की खदान
Open in App

संबंधित खबरें

भारतछत्तीसगढ़: हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

क्रिकेटकमाल संजू सैमसन, 15 गेंद, 5 छक्के और 43 रन की धांसू पारी, 10.3 ओवर में हासिल किए 121 रन, 56 गेंद शेष रहते जीत

भारतछत्तीसगढ़ कांग्रेसः 2028 की तैयारी, सचिन पायलट ने बदले मिजाज?, 41 जिला कांग्रेस कमेटियों में अध्यक्षों की नियुक्ति, देखिए पूरी सूची

क्राइम अलर्टChhattisgarh: जांजगीर-चांपा में सड़क हादसा, 5 लोगों की मौत; 3 घायल

भारतChhattisgarh: होमवर्क न पूरा होने पर महिला टीचर की क्रूरता, 4 साल के मासूम को पेड़ से लटकाया

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई