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Chandrayaan-3 Launch Date: चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण इस तारीख को किया जाएगा, इसरो ने कहा-दोपहर ढाई बजे का समय निर्धारित, कई बदलाव, जानें डिटेल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 28, 2023 21:42 IST

Chandrayaan-3 Launch Date: चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरने और वहां गतिविधियां करने की क्षमता प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान-2 के बाद का यह एक अभियान है।

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ठळक मुद्देसतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण यान मार्क-3 के जरिये प्रक्षेपित किया जाएगा।13 जुलाई को दोपहर ढाई बजे का समय निर्धारित किया गया है। प्रणोदक मॉड्यूल ‘लैंडर’ और ‘रोवर’ को 100 किलोमीटर तक चंद्रमा की कक्षा में ले जाएगा।

Chandrayaan-3 Launch Date: चंद्रयान-3 की फिर से उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि 12-19 जुलाई के बीच किया जाएगा। प्रक्षेपण के लिए दोपहर ढाई बजे का समय निर्धारित किया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

चंद्रयान-3 को 13 जुलाई को प्रक्षेपित किये जाने की संभावना है, जिसके जरिये चंद्रमा की सतह पर एक ‘रोवर’ उतारा जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 13 जुलाई को दोपहर ढाई बजे प्रक्षेपित किया जाएगा।

हालांकि, भाारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि इसकी तिथि पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और यह 12 से 19 जुलाई के बीच की तिथि पर विचार कर रहा है। वह भारतीय वायुसेना के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने 13 जुलाई की प्रक्षेपण तिथि के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘अभी, 12 से 19 जुलाई के बीच (की किसी तिथि) के विकल्प को खुला रखा गया है। यह 12, 13 या 14 जुलाई हो सकता है या अंत (19 जुलाई) तक जा सकता है, बशर्ते कि कोई तकनीकी समस्या न पैदा हो।’’

सोमनाथ ने कहा, ‘‘कोई सटीक तिथि घोषित नहीं की गई है। हम सभी जांच पूरी होने के बाद उस सटीक तिथि पर पहुंचेंगे...अंतिम तिथि इस रेंज के अंदर होगी।’’ इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान पूरी तरह से तैयार है। सोमनाथ ने कहा, ‘‘अभी रॉकेट के साथ इसे जोड़ा जा रहा है तथा संभवत: यह कार्य और दो-तीन दिन में पूरा हो जाएगा, फिर हमें जांच कार्यक्रम में जाना है।’’

उन्होंने कहा कि रॉकेट से जोड़े जाने के बाद सिलसिलेवार जांच भी की जाएगी। चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरने और वहां गतिविधियां करने की क्षमता प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान-2 के बाद का यह एक अभियान है।

चंद्रयान-3 के जरिये एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ को चंद्रमा पर भेजा जा रहा है। प्रणोदन मॉड्यूल, ‘लैंडर’ और ‘रोवर’ को 100 किलोमीटर तक चंद्रमा की कक्षा में ले जाएगा। इसमें, चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के ध्रुवीय मापन का अध्ययन करने के लिए एक ‘स्पेक्ट्रो-पोलरमेट्री’ पेलोड भी जोड़ा गया है।

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