लाइव न्यूज़ :

Chandrayaan 2: चंद्रमा के और करीब पहुंचा चंद्रयान-2, ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग के लिए अब बस एक अंतिम प्रक्रिया है शेष

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 4, 2019 07:39 IST

भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-2’ के एक अहम पड़ाव पर सोमवार को लैंडर विक्रम ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ। योजना के तहत ‘विक्रम’ और उसके भीतर मौजूद रोवर ‘प्रज्ञान’ के सात सितंबर को देर रात एक बज कर 30 मिनट से दो बज कर 30 मिनट के बीच चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है।

Open in App
ठळक मुद्देऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग के लिये लैंडर को कक्षा से नीचे उतारने की एक अंतिम प्रक्रिया ही शेष है। लैंडर आज एक बार फिर यान को और निचली कक्षा में ले जाएगा।

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर ‘विक्रम’ के अलग होने के एक दिन बाद यान को चंद्रमा की निचली कक्षा में उतारने का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है इसके साथ ही शनिवार को चांद की सतह पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग के लिये लैंडर को कक्षा से नीचे उतारने की एक अंतिम प्रक्रिया ही शेष है।

इसरो ने कहा कि लैंडर पर लगी प्रणोदक प्रणाली को पहली बार इसे नीचे की कक्षा में लाने के लिये सक्रिय किया गया। इससे पहले इसने स्वतंत्र रूप से चंद्रमा की कक्षा में परिक्रमा शुरू कर दी थी। भू-तुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान, जीएसएलवी मैक-थ्री एम1 द्वारा 22 जुलाई को पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित 3,840 किलोग्राम के चंद्रयान-दो अंतरिक्ष यान के मुख्य ऑर्बिटर द्वारा चंद्रमा की यात्रा के सभी अभियानों को अंजाम दिया गया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो) सात सितंबर को लैंडर विक्रम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने से पहले बुधवार को एक बार फिर यान को और निचली कक्षा में ले जाएगा। इस सफल लैंडिंग के साथ भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद ऐसा चौथा देश हो जाएगा जो चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफल होगा।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के रहस्यों का पता लगाने के लिये लॉन्च होने वाला यह पहला मिशन है। इसरो ने बताया, ‘‘चंद्रयान को निचली कक्षा में ले जाने का कार्य मंगलवार सुबह भारतीय समयानुसार 8 बजकर 50 मिनट पर सफलतापूर्वक और पूर्व निर्धारित योजना के तहत किया गया। यह प्रकिया कुल चार सेकेंड की रही।’’

एजेंसी के बताया, ‘‘विक्रम लैंडर की कक्षा 104 किलोमीटर गुना 128 किलोमीटर है। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चंद्रमा की मौजूदा कक्षा में लगातार चक्कर काट रहा है और ऑर्बिटर एवं लैंडर पूरी तरह से ठीक हैं। एक बार फिर चार सितंबर को भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 30 मिनट से लेकर चार बजकर 30 मिनट के बीच इसकी कक्षा में कमी की जाएगी।’’

भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-2’ के एक अहम पड़ाव पर सोमवार को लैंडर विक्रम ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ। योजना के तहत ‘विक्रम’ और उसके भीतर मौजूद रोवर ‘प्रज्ञान’ के सात सितंबर को देर रात एक बज कर 30 मिनट से दो बज कर 30 मिनट के बीच चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है।

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि चंद्रमा पर लैंडर के उतरने का क्षण ‘दिल की धड़कनों को रोकने वाला’ होगा क्योंकि एजेंसी ने पहले ऐसा कभी नहीं किया है । चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद ‘विक्रम’ से रोवर ‘प्रज्ञान’ उसी दिन सुबह पांच बज कर 30 मिनट से छह बज कर 30 मिनट के बीच निकलेगा और एक चंद्र दिवस के बराबर चंद्रमा की सतह पर रहकर परीक्षण करेगा।

चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है। लैंडर का भी मिशन जीवनकाल एक चंद्र दिवस ही होगा जबकि ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा। लैंडर विक्रम की कक्षा में दो बार कमी से यह चंद्रमा के और करीब पहुंच जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 3,840 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को जीएसएलवी मैक-3 एम1 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था। इस योजना पर 978 करोड़ रुपये की लागत आई है। चंद्रयान-2 उपग्रह ने धरती की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा 14 अगस्त को इसरो द्वारा ‘ट्रांस लूनर इंसर्शन’ नाम की प्रक्रिया को अंजाम दिये जाने के बाद शुरू की थी।

ये प्रक्रिया अंतरिक्ष यान को “लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री” में पहुंचाने के लिये अपनाई गई। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक अहम मील के पत्थर के तहत अंतरिक्ष यान 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था। बेंगलुरु स्थित इसरो के कमांड सेंटर से इस अभियान पर लगातार नजर रखी जा रही है। भाषा प्रशांत नरेश नरेश

टॅग्स :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनचंद्रयान
Open in App

संबंधित खबरें

भारत"आज देश स्पेस सेक्टर में जो देख रहा वैसा पहले नहीं देखा...", स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस के उद्घाटन में बोले पीएम मोदी

भारतVIDEO: इसरो ने श्रीहरिकोटा से सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 लॉन्च किया

भारतISRO: आज फिर रचेगा इसरो इतिहास, संचार उपग्रह 'LVM3-M5' का होगा प्रक्षेपण

भारतकौन थे एकनाथ वसंत चिटनिस, विक्रम साराभाई के साथ भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव?

भारतGaganyaan Mission: अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ता भारत

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित