यमुना एक्सप्रेसवे घोटाला मामले की जांच का जिम्मा अब सीबीआई ने ले लिया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पी सी गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने उत्तर प्रदेश सरकार की अनुशंसा के अनुरूप यह कदम उठाया है।
सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए मथुरा में बड़ी जमीनों की खरीद में हुई 126 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने 165 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इसका उद्घाटन समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में 2012 में किया था। ये एक्सप्रेसवे नोएडा और आगरा को जोड़ता है।
यमुना एक्सप्रेसवे घोटाला क्या है
ऐसे आरोप हैं कि यमुना एक्सप्रेस इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ रहे पीसी गुप्ता ने अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से मथुरा के 7 गांवों में 19 कंपनियों की मदद से 85.49 करोड़ रुपये में जमीन की खरीद की थी।खरीदी गई जमीन करीब 57.15 हेक्टेयर थी। इसके बाद इस जमीन को अथॉरिटी को ऊंचे दामों पर बेचा गया। इस कारण सरकार को 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।