केन्द्र सरकार ने बृहस्पतिवार को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना तथा तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यकाल को तत्काल प्रभाव से कम कर दिया। इससे कुछ दिन पहले, एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत समिति ने सीबीआई से हटा दिया था।अस्थाना का वर्मा के साथ अभूतपूर्व टकराव हुआ था। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने जबरन छुट्टी पर भेजा था। कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि अस्थाना के अलावा सीबीआई के तीन अन्य अधिकारियों संयुक्त निदेशक अरुण कुमार शर्मा, उपमहानिरीक्षक मनीष कुमार सिन्हा और पुलिस अधीक्षक जयंत जे नाईकनवरे के कार्यकाल में भी कटौती की गई है।
ताजा आदेश ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था और उन्हें दमकल, सिविल डिफेंस और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त किया गया था। वर्मा ने नया पद लेने से इंकार कर दिया था और कहा था कि वह पुलिस सेवा से पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्मा ने एक फरवरी 2017 को दो साल के स्थायी कार्यकाल के लिए सीबीआई प्रमुख का पद संभाला था।
24 जनवरी को सीबीआई के नये निदेशक की नियुक्ति के बैठकसीबीआई के नये निदेशक की नियुक्ति के लिए उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक 24 जनवरी को हो सकती है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह जानकारी सूत्रों ने दी है। बता दें कि पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दिया है। समिति के प्रमुख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं और इसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सदस्य हैं।
आलोक वर्मा के बाद आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेश बनाया गया है। सीबीआई के निदेशक पद पर नियमित नियुक्ति नहीं करने के लिए कांग्रेस प्रधानमंत्री पर प्रहार करती रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई के नियमित निदेशक की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द बैठक बुलाने की मांग की थी। (समाचार एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ)