नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि सीबीआई द्वारा शराब घोटाले के संबंध में उनके बैंक लॉकर की तलाशी में जांच एजेंसी को कुछ नहीं मिला है। मनीष सिसोदिया का कहना है कि इस मामले में उन्हें और उनके परिवार को क्लीनचिट मिल गई है।
मनीष सिसोदिया ने कहा, "जैसे सीबीआई छापे के दौरान मेरे आवास पर कुछ भी नहीं मिला था वैसे ही आज मेरे बैंक लॉकर में कुछ भी नहीं मिला। मुझे खुशी है कि मुझे क्लीन चिट मिली है। सीबीआई अधिकारियों ने हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया, और हमने भी उनका सहयोग किया। सत्य की जीत हुई है। उन्होंने आगे कहा, जन्माष्टमी पर सीबीआई ने मेरे घर पर छापा मारा। 19 अगस्त को छापेमारी के दौरान सीबीआई ने लॉकरों की चाबियां जब्त कर लीं थीं। आज सीबीआई ने उस लॉकर को खोला लेकिन उसमें कुछ भी नहीं मिला। उसमें 70,000 रुपये से 80,000 रुपये कीमत के आभूषण मिले जो मेरी पत्नी के थे।"
मनीष सिसोदिया के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर के कहा, "मनीष के घर से कुछ नहीं मिला, लॉकर से कुछ नहीं मिला। सीबीआई जांच में कुछ नहीं निकला। मनीष की ईमानदारी और देशभक्ति फिर से पूरे देश के सामने साबित हो गई। जाहिर है कि इनकी पूरी कार्रवाई गंदी राजनीति से प्रेरित है। उम्मीद करता हूं अब ये गंदी राजनीति बंद करके हमें अपना काम करने देंगे।"
क्या है पूरा मामला
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के मामले में सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की तलाशी ली। सीबीआई के करीब पांच अधिकारियों की एक टीम तलाशी को अंजाम देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके गाजियाबाद के सेक्टर 4, वसुंधरा में पीएनबी शाखा पहुंची थी।सीबीआई के पहुंचने पर बैंक के बाहर अफरा-तफरी मच गई।
सीबीआई ने इससे पहले 19 अगस्त को कथित शराब घोटाला मामले में सिसोदिया के आवास समेत 31 स्थानों पर छापे मारे थे। सिसोदिया का कहना है कि उन्हें एक झूठे मामले में आरोपी बनाया गया है ताकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगे बढ़ने से रोका जा सके। सिसोदिया का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर उभरे हैं। इसीलिए भाजपा बदले की कार्रवाई कर रही है।