पटना: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत के तौर पर जमीन लेने के मामले में पूर्व रेलमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ 14 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।
इस मामले में जानकारी देते हुए सीबीआई अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि सीबीआई की ओर से विशेष अदालत में दायर किये गये आरोपपत्र में लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती और रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक भी सह आरोपी हैं।
जमीन घोटाले के उजागर होने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने बीते 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को प्राथमिकी में बदल दिया गया था। एजेंसी के अनुसार रेलवे अधिकारियों ने उम्मीदवारों को कथित तौर पर "अनुचित जल्दबाजी" के नाम पर आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर ग्रुप डी के पदों पर नियुक्त किया गया था और बाद में उन उम्मीदवारों से रेलवे अधिकारियों ने स्वयं या परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी।
सीबीआई के मुताबिक रेलवे में उम्मीदवारों का तबादला राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने बेचने वालों से नकद भुगतान करके अपने नाम से अधिग्रहित की थी।
मामले ने तूल तब पकड़ा जब तत्कालीन नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने इस मामले में लालू यादव को परिवार सहित कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि लालू परिवार ने जमीन के बदले लोगों को रेलवे में नौकरी देने का काम किया है और इस मामले में सीधे तौर पर लालू परिवार शामिल है और सीबीआई इस मामले की जांच करके घोटाले पर से पर्दा उठाने का काम करे।
जिसके बाद सीबीआई ने केंद्र के आदेश पर मामले को अपने हाथ में लिया और आज इस मामले में लालू यादव समेत परिवार के सदस्यों को आरोपी मानते हुए कुल 14 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)