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CBI निदेशक सुबोध जायसवाल बन सकते हैं रॉ के अगले चीफ, इसी साल जून में जिम्मेदारी देने की तैयारी

By हरीश गुप्ता | Updated: May 3, 2022 08:26 IST

सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को इसी साल जून में रॉ का चीफ बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार इस साल जून में सामंत गोयल का कार्यकाल पूरा होने के बाद जायसवाल को रॉ में भेजा जाएगा।

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ठळक मुद्देसुबोध कुमार जायसवाल बनाया जा सकता है रॉ का अगला चीफ, पहले भी काम कर चुके हैं रॉ में।सुबोध जायसवाल अगले साल की शुरुआत में सीबीआई निदेशक के रूप में सेवानिवृत होने वाले थे।सुबोध जायसवाल को इस साल जून में सामंत गोयल का कार्यकाल पूरा होने के बाद रॉ में भेजा जाएगा।

नई दिल्ली: सीबीआई में विशेष निदेशक के रूप में प्रवीण सिन्हा के कार्यकाल में छह महीने के विस्तार के साथ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में शीर्ष पर बदलाव का रास्ता साफ हो गया है। सिन्हा 30 अप्रैल को सेवानिवृत होने वाले थे।

सिन्हा के कार्यकाल के विस्तार के साथ ही महाराष्ट्र के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को रॉ में स्थानांतरित करने का मार्ग प्रशस्त करता है। जानकारी मिली है कि उन्हें जून में रॉ के निदेशक का पद दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों की मानें तो जायसवाल को इस साल जून में सामंत गोयल का कार्यकाल पूरा होने के बाद रॉ में भेजा जाएगा।

रॉ में पहले भी काम कर चुके हैं सुबोध जायसवाल

सामंत गोयल को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। यह पद कुछ समय से खाली है। दूसरी ओर जायसवाल रॉ में पहुंचकर खुश हो सकते हैं, क्योंकि वह पहले भी यहां काम कर चुके हैं। दूसरा, उन्हें सेवा के लिए एक अतिरिक्त वर्ष मिलेगा।

जायसवाल अगले साल की शुरुआत में सीबीआई निदेशक के रूप में सेवानिवृत होने वाले थे। वह अब दो साल के लिए रॉ के डायरेक्टर होंगे। गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी सिन्हा बेहद सक्रिय हैं। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीबीआई और रॉ के मौजूदा प्रमुखों के कामकाज से बेहद खुश हैं।

प्रवीण सिन्हा ने इंटरपोल में बनाई थी जगह

प्रवीण सिन्हा के विस्तार का एक अन्य कारण यह भी है कि पिछले साल उन्हें एशिया से इंटरपोल की कार्यकारी समिति के लिए चुना गया था। इस चुनाव में उन्होंने चीन को हराया था। सिन्हा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पीएमओ और विदेश मंत्रालय ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। यह महत्वपूर्ण पद तीन साल के लिए होता है। सिन्हा के सेवानिवृत होने पर भारत इस पद को खो देता।

टॅग्स :सीबीआईरिसर्च एंड एनालिसिस विंगनरेंद्र मोदी
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