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मंत्रिमंडल ने एचएफसी के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने को मॉन्ट्रियन प्रोटोकाल में संशोधन के अनुमोदन को मंजूरी दी

By भाषा | Updated: August 18, 2021 20:08 IST

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए ओजोन परत को नष्ट करने वाले पदार्थों से जुड़े मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किए गए किगाली संशोधन के अनुमोदन को बुधवार को मंजूरी दे दी । इसे अक्टूबर, 2016 में रवांडा के किगाली में आयोजित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकारों की 28वीं बैठक के दौरान अंगीकार किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । सरकारी बयान के अनुसार, एचएफसी के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से बंद करने से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को रोकने में मदद मिलेगी और इससे लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि हाइड्रोफ्लोरोकार्बन को चरणबद्ध तरीके से कम करने के लिए भारत में लागू समय-सारणी के अनुसार हाइड्रोफ्लोरोकार्बन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय रणनीति को उद्योग से जुड़े सभी पक्षकारों के साथ आवश्यक परामर्श के बाद 2023 तक तैयार किया जाएगा। बयान के अनुसार, किगाली संशोधन के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए हाइड्रोफ्लोरोकार्बन के उत्पादन और खपत के उचित नियंत्रण की अनुमति देने के लिए वर्तमान कानूनी ढांचे में संशोधन, ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ (विनियमन और नियंत्रण) नियमों को 2024 के मध्य तक बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि किगाली संशोधन के तहत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकार हाइड्रोफ्लोरोकार्बन के उत्पादन और खपत को कम कर देंगे। सरकारी बयान में कहा गया है कि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकारों ने एचएफसी के उपयोग में वृद्धि को स्वीकार किया है और एचएफसी की सूची में विशेष रूप से रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग क्षेत्र को जोड़ने के लिए अक्टूबर 2016 में रवांडा के किगाली में आयोजित पक्षकारों की 28वीं बैठक (एमओपी) में इस समझौते पर सहमति जताई थी। इसमें कहा गया है कि बैठक में नियंत्रित पदार्थों और 2040 के अंत तक इन पदार्थों में 80-85 प्रतिशत तक की क्रमिक कमी के लिए एक समय-सीमा को भी मंजूरी दी गई। भारत 2032 से 4 चरणों में एचएफसी के स्तर में कमी लायेगा जिसे 2032 में 10 प्रतिशत, 2037 में 20 प्रतिशत, 2042 में 30 प्रतिशत और 2047 में 80 प्रतिशत की कमी के साथ पूरा करेगा। गौरतलब है कि ओजोन परत को नष्ट करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, ओजोन परत के संरक्षण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संधि है, जिसमें मानव निर्मित रसायनों के उत्पादन और खपत को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किये जाने की बात कही गई है । भारत 19 जून 1992 को ओजोन परत को नष्ट करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का एक पक्षकार बन गया था । केंद्रीय मंत्रिमंडल की वर्तमान मंजूरी, भारत में हाइड्रोफ्लोरोकार्बन को चरणबद्ध तरीक से कम करने के लिए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन की पुष्टि करेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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