संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार ने राजधानी में शनिवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट एवं एसएमएस सेवाएं बंद दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में गुरूवार की देर रात निर्देश जारी किया। अवस्थी ने सरकारी आदेश में कहा है, 'यह आदेश 19 दिसंबर को दोपहर बाद तीन बजे से 21 दिसंबर को दोपहर 12 बजे तक प्रभावी रहेगा।
गाजियाबाद लखनऊ, संभल, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, बरेली, आगरा, पीलीभीत, प्रयागराज, मऊ, आजमगढ़, फिरोजाबाद और हमीरपुरजिलों में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं, यहां तक कि सीआरपीसी की धारा 144, जो लोगों के विधानसभा पर प्रतिबंध लगाती है, पहले से ही कई दिनों से पूरे राज्य में लागू थी।
इससे पहले एक अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी तरह के दुष्प्रचार और लोगों की भावनाएं भड़काने वाली कोई पोस्ट को प्रसारित होने रोकने के लिए राजधानी में शनिवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट एवं एसएमएस सेवाओं को बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कल जुमे की नमाज होने की वजह से किसी तरह की कोई अशांति पैदा न हो, इस वजह से प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
उधर, संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में अलीगढ़ में पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन और शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने जिले में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। जिले में एहतियात के तौर पर 10 कंपनी पीएसी, चार कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स और 83 मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए गए हैं। जिले में इंटरनेट पर लगी रोक आज पांचवें दिन भी जारी है। इससे कारोबार और बैंकिंग सेवाएं में खासी प्रभावित हुई हैं।
अधिकारियों का कहना है कि आज जुमे की नमाज में लोगों की भीड़ इकट्ठा होने के मद्देनजर कड़ी चौकसी बरती जा रही है। गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में गत रविवार को भड़की हिंसा के बाद शहर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। जिले में उसके बाद भी कई स्थानों पर छुटपुट प्रदर्शन किए गए।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसक प्रदर्शन पर सख्त रुख अपनाया था और सार्वजनिक संपत्ति को हुई नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति से करने की बात की थी। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस, सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में झोंक दिया है।'