उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को माहौल शांत रहा। हालांकि यूपी के कई जिलों में प्रदर्शन की खबर सामने आई, लेकिन राजधानी में सीएम योगी की चेतावनी काम आई। हालांकि गुरुवार को हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार ने राजधानी में शनिवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट एवं एसएमएस सेवाएं बंद दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में गुरूवार की देर रात निर्देश जारी किया। अवस्थी ने सरकारी आदेश में कहा है, 'यह आदेश 19 दिसंबर को दोपहर बाद तीन बजे से 21 दिसंबर को दोपहर 12 बजे तक प्रभावी रहेगा ।'
इससे पहले एक अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी तरह के दुष्प्रचार और लोगों की भावनाएं भड़काने वाली कोई पोस्ट को प्रसारित होने रोकने के लिए राजधानी में शनिवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट एवं एसएमएस सेवाओं को बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कल जुमे की नमाज होने की वजह से किसी तरह की कोई अशांति पैदा न हो, इस वजह से प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसक प्रदर्शन पर सख्त रुख अपनाया था और सार्वजनिक संपत्ति को हुई नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति से करने की बात की थी। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस, सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में झोंक दिया है।’’
बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों की प्रॉपर्टी जब्त करने की बात कही थी। इस आदेश के बाद आज पहली कार्रवाई भी हुई। बताया जा रहा है कि लखनऊ में प्रदर्शनकारी के घर की पहली कुर्की की कार्यवाही डालीगंज में हुई। यहां एक उपद्रवी को पहचानते हुए उसे हफ्ते के अंदर 1 लाख 72 हजार रूपये जमा करने के निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही उसके कपड़े की दुकान ताला जड़ दिया गया है। वहीं, लखनऊ में हुए हिंसा के दौरान पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में लिया।