राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और छात्रों ने गुरुवार को यहां ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इसी तरह के विरोध प्रदर्शन पुणे और नागपुर में किए गए। अगस्त क्रांति मैदान में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ जैसी नारेबाजी की। शहर में हजारों छात्र और राजनीतिक कार्यकर्ता अगस्त क्रांति मैदान की तरफ कूच करते दिखे जिन्होंने हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे।
कुछ तख्तियों पर लिखा था, ‘‘हिन्दू-मुस्लिम एक हैं, मोदी-शाह फेक हैं। जब तख्त गिराए जाएंगे जब ताज उछाले जाएंगे। भारत को बांटना बंद करो।’’ आयोजन स्थल पर शिवसेना कार्यकर्ता नहीं दिखे। क्षेत्र में लगभग दो हजार पुलिसकर्मी तैनात थे।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के लिए लाल किले पर जमा हुए लोगों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। ये लोग पुरानी दिल्ली में लाल किले से आईटीओ के पास शहीद पार्क तक जुलूस निकालने वाले थे।
पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर वाम समर्थित आइसा और स्वराज अभियान को संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में लाल किला से जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को दरियागंज में निषादराज मार्ग पर बैरिकेड के जरिए रोका गया।
इस दौरान उनके ऊपर ड्रोन से निगरानी की जा रही थी और पूरे घटनाक्रम की रिकॉर्डिंग की गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “घटनाक्रम की रिकॉर्डिंग के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया और कानून तथा व्यवस्था की स्थिति में जहां हालात हाथ से निकलेंगे, वहां रिकॉर्डिग से उन लोगों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिन्होंने हालात को बिगाड़ा।” पुलिस ने सीलमपुर इलाके में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया, जहां मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन हुए थे।