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Bulbul ki Kahani: 'बुलबुल की कहानी' का विमोचन, कवयित्री उमा त्यागी ने समेटे जीवन के अच्छे-बुरे अनुभव

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 21, 2024 21:35 IST

Bulbul ki Kahani: लेखिका उमा त्यागी ने बताया कि इस पुस्तक में 95 कविताएं हैं जिनमें जीवन के विभिन्न पड़ावों को बड़े ‌ही सहज तरीके सहेजा गया है।

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ठळक मुद्देBulbul ki Kahani: मेरे घर का माहौल साहित्य व कवितामय है।Bulbul ki Kahani: मुझे कण-कण में कविताएं दिखाई देती हैं।Bulbul ki Kahani: 239 पेज की इस पुस्तक का प्रकाशन समय प्रकाशन द्वारा किया गया।

नई दिल्लीः जीवन के अच्छे-बुरे अनुभवों को समेटे शिक्षाविद् एवं कवयित्री उमा त्यागी की कविता 'बुलबुल की कहानी' का विमोचन बुधवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एनेक्सी के सभागार में हुआ। 239 पेज की इस पुस्तक का प्रकाशन समय प्रकाशन द्वारा किया गया। राजनेताओं व पत्रकारिता जगत के दिग्गजों की मौजूदगी में पुस्तक की लेखिका उमा त्यागी ने बताया कि इस पुस्तक में 95 कविताएं हैं जिनमें जीवन के विभिन्न पड़ावों को बड़े ‌ही सहज तरीके सहेजा गया है। उन्होंने बताया कि मेरे घर का माहौल साहित्य व कवितामय है इसीलिए मुझे कण-कण में कविताएं दिखाई देती हैं।

इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं लोकमत म‌ीडिया के चेयरमैन विजय दर्डा ने कहा कि हिन्दी साहित्य और कविता लिखना एक मुश्किल काम है, लेकिन उमा त्यागी ने अपने कड़े संघर्ष एवं लगन से इसे संभव कर दिखाया। इस पुस्तक को पढ़कर लगा कि कोई इतना अच्छा भी लिख सकता है। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में भी कविता व साहित्य का विशेष महत्व है।

उमा त्यागी की इस उपलब्धि को भलीभांति समझता हूं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्र ने कहा कि‌ शब्दों के जादूगर के साथ एक शाम। इसमें कहीं बहुत सारा उजाला दिखाई दिया तो कहीं बहुत अंधेरा दिखाई दिया। इस पुस्तक के कुछ ऐसे विचार हैं जो मन को छू गये। यदि कोई लेखक पढ़ने वाले के दिल को छू ले तो उसका लेखन सफल हो जाता है।

कार्यक्रम के ‌विशिष्ठ अतिथि हिन्दुतान समाचार पत्र के प्रमुख संपादक शशि शेखर ने कहा कि महिला अपने आप में एक चलता-फिरता महाकाव्य है। उमा त्यागी ने इस पुस्तक के लेखन के माध्यम से यह साबित कर दिया है। आप आने वाले समय में एक सशक्त हस्ताक्षर बनेंगी और आपकी यह संगीत यात्रा पूरी दुनिया देखेगी।

वरिष्ठ पत्रकार व लेखक आलोक मेहता ने कहा कि इस पुस्तक में एक दर्द है तो आशा भी है। कविता के माध्यम से लेखिका ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया है। इस दौरान वरिष्ठ कवि अशोक वाजपेयी व डॉ. हरीश भल्ला ने भी अपने पुस्तक को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। मंच संचालन लोकमत समाचार समूह के वरिष्ठ संपादक विकास मिश्र ने किया। पूर्वा त्यागी ने धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में उमा त्यागी के पति मुकेश त्यागी व उनकी पुत्री पूर्वा त्यागी सहित पूर्व विदेश सचिव डॉ. ज्ञानेश्वर मूले, नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन की सदस्य डॉ. साधना शंकर, समय प्रकाशन के चंद्रभूषण सहित समाज जीवन के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

 

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