नई दिल्ली, 17 मईः देश की सर्वोच्च अदालत ने बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। येदियुरप्पा गुरुवार सुबह 9 बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक फिलहाल मुख्यमंत्री अकेले शपथ ग्रहण करेंगे। 15 दिनों में अगर बहुमत साबित करने में सफल रहते हैं तो पूरी कैबिनेट शपथ ग्रहण करेगी। इससे पहले येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर गृहण लगना शुरू हो गया था जब राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। रात 2 बजे से तड़के 5.15 बजे तक सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार सुबह 10.30 बजे इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा।
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कर्नाटक में बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण बिल्कुल सादा समारोह होगा। अन्य बीजेपी शासित राज्यों के शपथ ग्रहण की तरह यहां प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों का जमावड़ा नहीं होगा। यहां तक कि फिलहाल कैबिनेट का कोई मंत्री भी शपथ ग्रहण नहीं करेगा। उन्हें राज्यपाल वजुभाई वाला पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
सरकार बनाने के लिए बी एस येदियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला के आमंत्रण पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने कहा कि कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच सिर्फ ‘बीजेपी को सत्ता से दूर रखने’ की सहमति बनी है।राज्यपाल के आमंत्रण पर उन्होंने कहा , ‘‘हमने अपना दावा पेश किया है... सबसे बड़ा दल होने के नाते हम जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं और सरकार बनाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। ’’ उन्होंने कहा कि जब भी खंडित जनादेश आया है, भाजपा ने हमेशा मूल लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन किया है।
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गौरतलब है कि 15 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे जिसमें बीजेपी बहुमत से थोड़ा पीछे 104 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस को 78 और जेडीएस+ को 38 सीटें मिली थी। बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने के लिए 112 सीटों की जरूरत है। कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन करके सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लेकिन सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने का आमंत्रण भेजा और बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया। इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस आधी रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।