Midnight Drama: कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक सुनवाई, पल-पल बदला घटनाक्रम
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 17, 2018 04:22 AM2018-05-17T04:22:33+5:302018-05-17T04:31:43+5:30
बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का आमंत्रण देने के बाद घटनाक्रम में तेजी से बदलाव। इन 10 बिंदुओं में जानें सभी बड़ी बातें...
नई दिल्ली, 17 मईः भारत की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक दिन है जब राज्यपाल के फैसले पर आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कांग्रेस-जेडी(एस) ने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में मुख्य न्यायाधीश से तत्काल सुनवाई की अपील की गई थी। जस्टिस दीपक मिश्रा ने संज्ञान लेते हुए तीन जजों की बेंच गठित कि जिसमें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोबडे शामिल हैं। इन 10 बिंदुओं में जानें कैसे घटनाक्रम ने पल-पल बदली करवट।
1. कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार गठन का आमंत्रण भेजा। उन्हें सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया। बीएस येदियुरप्पा ने सुबह 9 बजे शपथ ग्रहण करने की घोषणा की।
2. कांग्रेस और जेडीएस ने राज्यपाल के इस फैसले की आलोचना की। कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल का फैसला शर्मनाक है। जेडीएस का कहना था कि बहुमत के लिए 15 दिन का समय देकर राज्यपाल हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। अधिक पढ़ेंः- कर्नाटक LIVE: सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे बीएस येदियुरप्पा, आधी रात सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस
3. कांग्रेस और जेडीएस ने राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और मुख्य न्यायाधीश से तत्काल सुनवाई करने की अपील की। मुख्य न्यायाधीश के आवास पर रजिस्ट्रार पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट के कई वरिष्ठ जज भी पहुंचे।
4. जस्टिस दीपक मिश्रा ने जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोबडे की बेंच गठित की। रात पौने दो बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का समय तय किया।
5. रात करीब 2 बजे सुनवाई शुरू हुई। कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी की तरफ से मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा। अधिक पढ़ेंः- कर'नाटक: कांग्रेस-जेडी(एस) ने आधी रात को खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, CJI से तत्काल सुनवाई की गुहार
6. कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारे पास 117 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास सिर्फ 104 विधायक हैं। बीजेपी बहुमत कैसे साबित करेगी? उन्होंने कहा गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी इसके बावजूद बीजेपी ने गठबंधन की सरकार बनाई थी। सिंघवी ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं सुना गया कि किसी पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए। यह बहुत बड़ी बिडंबना है।
7. बीजेपी की तरफ से पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती। राज्यपाल को पार्टी भी नहीं बनाया जा सकता।
8. बीजेपी की तरफ से दलील पेश कर रहे वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मामला रात में सुना ही नहीं जाना चाहिए। अग कोई शपथ ले लेता तो कयामत नहीं आ जाएगी। आखिरी बार सुप्रीम ने रात में उस वक्त सुनवाई की थी जब याकूब मेमन की फांसी का मामला था।
9. सुप्रीम कोर्ट ने एजी वेणुगोपाल से पूछा कि बीजेपी पूर्ण बहुमत कहां से लाएगी। साथ ही यह भी पूछा कि बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त क्यों दिया गया? इसके जवाब में वेणुगोपाल ने कहा कि हम सात दिन में भी बहुमत साबित कर सकते हैं। अधिक पढ़ेंः- Karnataka LIVE: सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी से पूछा- बहुमत कहां से लाएंगे? एजी बोले- ये तो नहीं पता
10. मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल और राष्ट्रपति का विशेषाधिकार किसी कोर्ट से बाहर है। उन्होंने कहा कि यह योचिका खारिज कर दी जानी चाहिए।
12. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीएस येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण पर रोक नहीं लगा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका खारिज नहीं की गई है। सभी पार्टियों को नोटिस जारी किया गया है। इस पर विस्तार से सुनवाई की जाएगी।