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कौन हैं राजेश?, 51 वोट के साथ बनेंगे महापौर, एलडीएफ के शिवाजी को 29 और यूडीएफ के सबरीनाथन को 19 वोट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 26, 2025 15:36 IST

वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के पी शिवाजी को 29 वोट मिले जबकि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) उम्मीदवार के एस सबरीनाथन को 19 वोट प्राप्त हुए जिनमें से दो को बाद में अवैध घोषित कर दिया गया।

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ठळक मुद्देत्रिशूर नगर निगम में यूडीएफ की डॉ निजी जस्टिन महापौर बनीं।एलडीएफ और भाजपा को एक-एक निगम मिला है।चाचा बीजू ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।

तिरुवनंतपुरमः भारतीय जनता पार्टी के नेता वी वी राजेश शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम नगर निगम के महापौर निर्वाचित हुए। भाजपा ने निगम के 101 वार्डों में से 50 पर जीत हासिल की है जो केरल के किसी नगर निगम में उसकी पहली जीत है। शुक्रवार को हुए महापौर चुनाव में राजेश को एक निर्दलीय पार्षद के समर्थन सहित कुल 51 वोट मिले। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के पी शिवाजी को 29 वोट मिले जबकि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) उम्मीदवार के एस सबरीनाथन को 19 वोट प्राप्त हुए जिनमें से दो को बाद में अवैध घोषित कर दिया गया।

तिरुवनंतपुरम निगम कार्यालय में राज्य अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर, पूर्व केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में राजेश ने महापौर पद की शपथ ली। भाजपा ने करीब चार दशकों के एलडीएफ शासन को समाप्त कर निगम की सत्ता हासिल की है। राज्य के अन्य निगमों में कोल्लम नगर निगम में यूडीएफ के ए के हफीज और कोच्चि नगर निगम में चार बार की पार्षद रहीं यूडीएफ की वी के मिनीमोल महापौर चुनी गईं। त्रिशूर नगर निगम में यूडीएफ की डॉ निजी जस्टिन महापौर बनीं।

हालांकि यहां पार्षद लाली जेम्स ने नेताओं पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए इस फैसले का विरोध किया। कोझिकोड नगर निगम में एलडीएफ ने सर्वाधिक वार्ड जीते, जबकि कन्नूर नगर निगम में यूडीएफ की पी इंदिरा महापौर बनने जा रही हैं। राज्य के कुल छह नगर निगमों में से यूडीएफ ने चार पर जीत दर्ज की है, जबकि एलडीएफ और भाजपा को एक-एक निगम मिला है।

चुनाव में एक और उपलब्धि पाला नगरपालिका में देखने को मिली जहां 21 वर्षीय दीया बीनू पुलिक्कनकांदम यूडीएफ के समर्थन से अध्यक्ष चुनी गईं। वह केरल की सबसे कम उम्र की नगरपालिका अध्यक्ष बन गई हैं। दीया, उनके पिता बीनू और चाचा बीजू ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।

बाद में उनके यूडीएफ को समर्थन देने से पाला में केरल कांग्रेस (मणि) का वर्चस्व खत्म हो गया जिसे उसका पारंपरिक गढ़ माना जाता था। तिरुवनंतपुरम नगर निगम के अलावा भाजपा ने त्रिपुनिथुरा और पलक्कड़ नगरपालिकाओं में भी जीत हासिल की है।

टॅग्स :केरलBJPकांग्रेसपिनाराई विजयनPinarayi VijayanKerala Assembly
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