बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर दिये विवादास्पद बयान के बाद आलोचनाओं से घिरी बीजेपी विधायक साधना सिंह ने कहा है कि उनकी मंशा बिल्कुल भी किसी को अपमानित करने की नहीं थी।
साधना ने साथ ही कहा कि अगर उनके शब्दों से किसी को कष्ट हुआ है तो वे खेद प्रकट करती हैं। वहीं, दूसरी ओर बीएसपी के नेता राम चंद्र गौतम ने चंदौली के बबुरी पुलिस स्टेशन में मायावती पर बयान को लेकर विधायक साधाना सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
बीजेपी ने भी साधाना सिंह के बयान की निंदा की है और कहा कि पार्टी उनसे इस संदर्भ में जवाब मांगेगी। बहरहाल, साधना ने रविवार को विवाद के बाद प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा, 'विगत में मेरे द्वारा भाषण के दौरान मेरी मंशा किसी को अपमानित करने की नहीं थी, बल्कि मेरी मंशा सिर्फ यही थी कि 2 जून 1995 को गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी ने जो मायावती की मदद की थी, उसे याद दिलाया जाए। अगर इन शब्दों से किसी को कष्ट हुआ है तो मैं खेद प्रकट करती हूं।'
दरअसल साधाना सिंह ने शनिवार को चंदौली जिले के करणपुरा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में स्टेट गेस्ट हाउस कांड को लेकर मायावती पर अभद्र टिपण्णी की थी। साधना सिंह ने कहा था कि मायावती न तो महिला लगती हैं और न पुरुष ही लगती हैं।
साधना सिंह ने कहा था, 'वह महिला नारी जात पर कलंक हैं। जिस महिला की आबरू को भाजपा के नेताओं ने लुटते-लुटते बचाया उसी ने सुख-सुविधा के लिए, अपने वर्चस्व को बचाने के लिए अपमान पी लिया। ऐसी महिला तो किन्नर से भी ज्यादा बदतर है। वह ना नर है, ना महिला है उसकी गिनती किस श्रेणी में करनी है।'
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी साधना सिंह के बयान की आलोचना की है। अठावले ने कहा कि वह मायावती को लेकर दिये बयान से सहमत नहीं हैं और वह दलित समुदाय की मजबूत नेता हैं।
इन सबके बीच महिला आयोग ने भी साधाना सिंह को नोटिस भेजने की बात कही है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया, 'ऐसी अभद्र टिप्पणी किसी नेता को शोभा नहीं देती और निंदनीय है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है और साधना सिंह को कल नोटिस भेजा जाएगा।'