पटनाः लोकसभा चुनाव में दस सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की हुई हार को लेकर भाजपा जो तर्क दे रही है और एनडीए के सहयोगी दलों पर निशाना साध रही है, वह तर्क राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के प्रमुख और काराकाट से एनडीए प्रत्याशी रहे उपेन्द्र कुशवाहा को रास नहीं आया है। उन्होंने गुरुवार को इसको लेकर भाजपा को सधे शब्दों में बड़ी नसीहत दे डाली। कुशवाहा ने कहा है कि जो बातें भाजपा के तरफ से कही गई है। जिसमें यह कहा गया है कि जदयू का वोट भाजपा को नहीं मिला। यह मीडिया में नहीं आनी चाहिए इससे काफी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं से करबद्ध निवेदन है कि ऐसी खबरों को पब्लिक डोमेन में जाने से रोकें-बचें क्योंकि इस तरह की खबरें हमारे आपस में कटुता बना-बढ़ा सकती है। आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति को जन्म दे सकती है।
चुनाव परिणाम की समीक्षा अति आवश्यक है। परन्तु यह हमारा (एनडीए का) आंतरिक मामला है। इसका मकसद हमारी कमियां ढूंढ कर मिलजुलकर उसको दूर करना है ताकि आगामी विधानसभा चुनाव की फुलप्रूफ रणनीति बनायी जा सके। इसके आगे कुशवाहा ने कहा कि सार्वजनिक मंच पर चर्चा हमारे मूल मकसद को ध्वस्त कर सकती है।
उधर, विरोधी आग में घी डालने के लिए तो बैठा है ही। अतः हम सबको गंभीर होकर अर्जुन की तरह बिहार को फिर से 2005 के पहले वाली स्थिति में ले जाने से रोकने के लिए पुनः एनडीए सरकार की स्थापना के अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा को इस बार महज 12 सीटों पर जीत हासिल हुई है।
इसके बाद अब पार्टी की तरफ से फीडबैक लेना शुरू कर दिया गया है। इस दौरान कई विस्तारकों ने प्रदेश अध्यक्ष से चुनाव को लेकर अपने अनुभव साझा किये हैं। इसके बाद जो मुद्दा सबसे प्रमुख रूप से निकलकर सामने आया है, उसमें कहा गया है कि भाजपा के नेता को जदयू का वोट नहीं मिला है। इसके बाद अब इस मामले में एनडीए के अंदर ही घमासान होने के कयास लगाए जाने लगे हैं। दरअसल, मगध और शाहाबाद में एनडीए को बड़ा झटका लगा और 6 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है।