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Bihar Caste Census: सभी को फायदा, सीएम नीतीश बोले-जाति जनगणना किसी के खिलाफ नहीं, रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों पर कुछ नहीं बोले...

By एस पी सिन्हा | Updated: June 4, 2022 16:45 IST

Bihar Caste Census: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना के लिए तैयारी में कम से कम एक माह लगेगा. इसके बाद गणना का काम आरंभ होगा. एक-एक चीज की गणना होगी.

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ठळक मुद्देजाति आधारित गणना के बहुत अच्छे नतीजे आएंगे.वर्ष 2005 के बाद बिहार में कितना काम हुआ है. रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों का मसला पर नहीं कुछ कहा.

Bihar Caste Census: बिहार में जातीय जनगणना के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज इसपर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे सभी को फायदा होगा. यह सब के हित में है. उन्होंने कहा कि जाति जनगणना किसी के भी खिलाफ नहीं है.

हम इसके बारे में पार्टियों को सूचित करते रहेंगे और उनसे सुझाव लेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना के लिए तैयारी में कम से कम एक माह लगेगा. इसके बाद गणना का काम आरंभ होगा. एक-एक चीज की गणना होगी. आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में बहुत ही अच्छे ढंग से इसे किया जाएगा.

इसकी तैयारी सामान्य प्रशासन विभाग कर रहा है, इसमें कुछ समय लगेगा. कुछ दिनों के बाद गणना का काम शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना की पूरी तैयारी संबंधित विभाग कर रहा है. जिन लोगों को इसके लिए काम करना है उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाना है. हर समुदाय व धर्म से जुडे़ लोगों की गणना होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने तो 1990 में ही इसकी बात की थी, पर यह हो नहीं सका. देखिएगा, जाति आधारित गणना के बहुत अच्छे नतीजे आएंगे. कश्मीर में बिहारी कामगार की हुई हत्या के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों से जिस प्रकार की भी सहायता संभव होगी वह करेंगे. अपनी तरफ से हर तरह की सहूलियत देंगे.

राजद द्वारा सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्हें जो करना है करें. उन्होंने कहा कि हमलोग को काम करने वाले लोग हैं, प्रचार करने वाले नहीं. जब से हमलोगों ने बिहार का काम संभाला, कितना काम हुआ है उसे देख लीजिए. पहले क्या था और अब क्या है? वैसे किसी भी पार्टी को अपनी बात कहने का अधिकार है.

वर्ष 2005 के बाद बिहार में कितना काम हुआ है, कितना बदलाव आया है, यह देखने की बात है. नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के फायदे भी गिनाए, लेकिन जब सवाल भाजपा की तरफ से जताई जा रही आशंका को लेकर हुआ तो उन्होंने मुंह फेर लिया.

नीतीश कुमार से पूछा गया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों का मसला उठा रहे हैं तो नीतीश कुमार ने इस सवाल को अनसुना कर चलते बने. यहां बता दें कि सरकार ने फरवरी 2023 तक जातीय जनगणना को पूरा करने की डेडलाइन रखी है. इसमें 500 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है.

टॅग्स :जातिबिहारपटनाOBCनीतीश कुमारजेडीयूआरजेडीतेजस्वी यादवTejashwi Yadav
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