पटनाः दलित और अति पिछड़ी जातियों के वोटों को अपने पाले में लाने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुरुवार को दरभंगा और पटना में छात्रों के साथ 'शिक्षा न्याय संवाद' में हिस्सा लेंगे। दरअसल, बिहार में इस बार कांग्रेस पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है और राहुल गांधी का यह बिहार दौरा उसी रणनीति का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है। अपने दौरे के दौरान राजधानी पटना में राहुल गांधी दलित समाज के विचारक ज्योतिराव फुले पर बनी फिल्म ‘फुले’ देखेंगे। कार्यक्रम में सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों और दलित वर्ग के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रहेगी। कांग्रेस के इस पहल को दलित वोट बैंक को साधने की रणनीति मानी जा रही है। इस बीच कांग्रेस पार्टी गुरुवार से पूरे प्रदेश में नई यात्रा निकालने जा रही है। इस यात्रा का नाम रखा गया है- शिक्षा न्याय संवाद।
दरभंगा से इस यात्रा का शुभारंभ होगा और खुद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। कांग्रेस नेता एवं एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी के 'शिक्षा न्याय संवाद' के तहत कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी बिहार में 60 जगहों पर छात्रों से संवाद करेंगे।
कांग्रेस के इस कार्यक्रम के तहत राहुल समेत कांग्रेस के 62 राष्ट्रीय नेता राज्य के विभिन्न स्थानों पर एससी, एसटी, ओबीसी छात्रावासों और सामुदायिक भवनों में छात्रों से उनकी समस्याओं पर सीधे संवाद करेंगे। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था विफल हो गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार 20 साल से मुख्यमंत्री हैं और नरेंद्र मोदी 12 साल से पीएम हैं, लेकिन राज्य की हालत बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि 358 प्रखंडों में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं खोला गया है, जबकि स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है और तीन साल की डिग्री छह साल में पूरी हो रही है।
बिहार की एनडीए सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के एससी-एसटी छात्रों के लिए आवंटित पैसों का इस्तेमाल पुल और सड़क बनाने के लिए कर रही है। कन्हैया कुमार ने कहा कि सरकार छात्रों को पढ़ाई के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देकर लोन के मकड़जाल में फंसा कर नौकरी लगने से पहले ही लोन रिकवरी एजेंट भेजने लगती है। सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि एससी/एसटी छात्रवृत्ति का पैसा सड़कों और पुलों के निर्माण पर खर्च किया गया, यहां तक कि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति भी बंद कर दी गई।
कन्हैया कुमार ने कहा कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक छात्रों के छात्रावास या तो बंद हो गए हैं या बर्बाद होने के कगार पर हैं। बिहार में शिक्षा, उद्योग और बुनियादी ढांचे में निवेश करने के बजाय मोदी-नीतीश की डबल इंजन सरकार गुजरात की ओर धन भेज रही है।