रेलवे ने चंडीगढ़ और बेंगलुरू स्टेशनों पर रेल आर्केड बनाने के लिए निविदाएं जारी की हैं, जिनमें फूड कोर्ट (खान-पान सुविधा केंद्र), मनोरंजन और आराम की सुविधा मुहैया कराने वाले केंद्र होंगे, लेकिन इसके लिए बोली लगाने वालों से कहा गया है कि उन्हें गोमांस और शराब बेचने की अनुमति नहीं होगी। भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी) द्वारा जारी की गई निविदाओं के लिए बोली लगाने वालों को बताया गया है कि वे क्या कर सकते हैं और उन्हें किन चीजों की अनुमति नहीं होगी। बोली जीतने वालों से उम्मीद की जाती है कि वे एक ऐसा क्षेत्र और एक ‘‘छोटा शहर केंद्र’’ बनाएंगे, जिसमें लोग और यात्री गुणवत्ता पूर्ण समय व्यतीत कर सकेंगे। निविदा संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘एक ऐसा क्षेत्र विकसित किया जाएगा जिसमें कई ब्रांड मौजूद होंगे।’’ निविदा में बताया गया है कि इसमें खान-पान केंद्र, यात्री सुविधा स्टोर, पुस्तकों और पत्रिकाओं, हथकरघा और कलाकृतियां समेत 15 क्षेत्रों की वस्तुओं को उपलब्ध कराया जा सकता है। इसमें उन वस्तुओं को भी सूचीबद्ध किया गया है, जिनकी बिक्री ‘‘प्रतिबंधित’’ होगी। ‘‘तंबाकू उत्पाद, शराब, बीयर या कोई अन्य मादक पेय या कानून द्वारा निषिद्ध कोई अन्य वस्तु बेची नहीं जा सकेगी। किसी भी खाद्य पदार्थ में गोमांस और सुअर का मांस किसी भी रूप में उपयोग नहीं किया जाएगा।’’जिन वस्तुओं की इस क्षेत्र में बिक्री की अनुमति है, उनमें कच्ची सब्जी या बकरे का मांस / मुर्गे का मांस/ मछली का मांस(कच्ची), कोचिंग / ट्यूशन कक्षाओं, दर्जी की दुकान, वाहनों की मरम्मत, पेट्रोलियम या इससे जुड़े उत्पाद तथा निर्माण, हार्डवेयर और स्वच्छता संबंधी उत्पाद भी शामिल हैं। निविदा में कहा गया है कि इस क्षेत्र का इस्तेमाल विज्ञापन या जमाखोरी के लिए नहीं किया जा सकता। ऑनलाइन बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि नौ सितंबर है। आर्केड के लिए अनुबंध नौ साल की अवधि के लिए होगा। इन आर्केड का निर्माण सरकार की स्टेशन पुनर्विकास योजनाओं का एक हिस्सा है जिसके तहत रेलवे स्टेशन क्षेत्रों को ‘रेलोपोलिस’ यानी एक छोटी स्मार्ट सिटी में बदला जाएगा।
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