Amrit Bharat Station Scheme: 1000 छोटे स्टेशनों का आधुनिकीकरण करने की योजना, जानें क्या होगा फायदा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 25, 2022 02:19 PM2022-12-25T14:19:53+5:302022-12-25T14:21:08+5:30
Amrit Bharat Station Scheme: अधिकारी ने कहा, ‘‘किफायती तरीके से स्टेशनों का आधुनिकीकरण शुरू करने का विचार है। जरूरत के हिसाब से मंडल रेल प्रबंधक चरणबद्ध तरीके से आधुनिकीकरण के कार्यों पर विचार करेंगे।’’
Amrit Bharat Station Scheme: रेलवे नयी 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत 1,000 छोटे, पर महत्वपूर्ण स्टेशनों का आधुनिकीकरण करने की योजना बना रहा है। यह एक अलग पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत 200 बड़े स्टेशनों के पुनरुद्धार की महत्वाकांक्षी योजना से अलग है।
अधिकारियों ने कहा कि छोटे स्टेशनों की पहचान न केवल वहां आने-जाने वालों के आधार पर की जाएगी, बल्कि उन शहरों के आधार पर भी की जाएगी, जहां वे मौजूद हैं। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘किफायती तरीके से स्टेशनों का आधुनिकीकरण शुरू करने का विचार है। जरूरत के हिसाब से मंडल रेल प्रबंधक चरणबद्ध तरीके से आधुनिकीकरण के कार्यों पर विचार करेंगे।’’
सीमेंस की भारतीय इकाई 26,000 करोड़ रुपये के अनुबंध की शर्तों के अनुसार रेलवे के लिए 9,000 हॉर्सपावर की क्षमता वाले 1,200 इलेक्ट्रिक इंजन का निर्माण करेगी। रेलवे ने जानकारी दी। रेलवे ने इस बाबत सीमेंस को इंजन के उत्पादन और रखरखाव के लिए ‘लेटर ऑफ अवार्ड’ जारी किया है।
रेलवे ने एक बयान में कहा, ‘‘दाहोद, गुजरात स्थित रेलवे कारखाना 11 वर्षों की अवधि में 1,200 इलेक्ट्रिक इंजन का निर्माण करेगा। इसमें इंजन का उत्पादन और 35 वर्षों तक इनका रखरखाव शामिल होगा।’’ रेल मंत्रालय ने सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये रेलवे स्टेशनों का मौद्रीकरण करने का प्रस्ताव वापस ले लिया है।
अब इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) माध्यम से किया जा रहा है। बड़ी परिसंपत्ति वाली श्रेणी (स्टेशनों) के बारे में प्रस्ताव वापस ले लिया गया है। पीपीपी मॉडल पर इन स्टेशनों के मौद्रीकरण के लिए लाए गए प्रस्ताव की जगह अब इन परियोजनाओं को ईपीसी मॉडल पर क्रियान्वित किया जा रहा है।
ईपीसी मॉडल में इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण गतिविधियां संचालित की जाती हैं। अब रेलवे स्टेशनों के लिए यही मॉडल अपनाया जा रहा है। सूत्र ने कहा कि रेल मंत्रालय को अब ट्रेनों, मालगोदाम, पर्वतीय रेल, स्टेडियम, रेलवे कॉलोनी एवं रेलवे के पास मौजूद जमीन के मौद्रीकरण में तेजी लाने को कहा गया है।
दरअसल राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत रेलवे चालू वित्त वर्ष में अभी तक सिर्फ 1,829 करोड़ रुपये ही जुटा पाया है जबकि लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये रखा गया था। सूत्र ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में रेल परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से 4,999 करोड़ रुपये ही जुट पाने का अनुमान है।