Bengaluru's Outer Ring Road: कावेरी नदी जल विवाद को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा आहूत ‘बेंगलुरु बंद’ के कारण आज शहर में ट्रैफिक देखने को मिली। बेंगलुरु के टेक कॉरिडोर आउटर रिंग रोड पर 27 सितंबर की शाम को भारी ट्रैफिक है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार कई निजी कंपनियों ने बेंगलुरु बंद के कारण 26 सितंबर को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दिया और उनमें से अधिकांश अगले दिन कार्यालय लौट आए, जिससे यातायात में वृद्धि हुई। इसके अलावा, कई लोग सप्ताहांत के कारण 27 सितंबर को शहर से बाहर जा रहे हैं।
तकनीकी विशेषज्ञों और अन्य कार्यालय जाने वालों ने लगभग चार घंटे तक यातायात में फंसे रहने की सूचना दी। यहां तक कि कुछ स्कूल बसें भी ओआरआर पर जाम में फंस गईं। संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) एमएन अनुचेथ ने कहा कि यह मुख्य रूप से 27 सितंबर के बंद के व्यापक प्रभाव के कारण है।
कई लोग काम पर लौट आए हैं और सड़कें पर जाम लग गई। खासकर बारिश और गड्ढों के कारण सड़क बुरे हालत में हैं। 28 सितंबर से शुरू होने वाली छुट्टियों को लेकर कई लोग बाहर निकल रहे हैं। तकनीकी विशेषज्ञों सहित बड़ी संख्या में लोग बाहर जा रहे हैं।
पुलिस उपायुक्त-पश्चिम (यातायात) कुलदीप कुमार आर जैन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि ओआरआर पर मराठहल्ली से सरजापुर तक भारी ट्रैफिक जाम है। कृपया ओआरआर पर स्थित आईटीबीटी कंपनियों को निर्देश दें कि वे जल्दबाजी न करें। वाहनों की अत्यधिक संख्या के कारण भीषण जाम लग गया है।
आउटर रिंग रोड कंपनीज एसोसिएशन (ओआरआरसीए) ने एक एडवाइजरी जारी कर सदस्य कंपनियों से अनुरोध किया है कि वे अपने कर्मचारियों को ग्रिडलॉक के कारण बाहर निकलने का समय बढ़ाने की सलाह दें। एचएएल हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि आगामी छुट्टियों के कारण यातायात अधिक है।
पुलिस के मुताबिक, छुट्टियों की अवधि बढ़ने से पहले बड़ी संख्या में लोग बेंगलुरु छोड़ रहे हैं। 28 सितंबर को ईद-ए-मिलाद की छुट्टी है। कई कन्नड़ समर्थक संगठनों ने 29 सितंबर को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है, जिसके बाद सप्ताहांत होगा और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है।
महादेवपुरा विधायक टास्क फोर्स (मोबिलिटी) के सचिव क्लेमेंट जयकुमार ने बताया कि भारी ट्रैफिक के कारण यात्रियों ने आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर दो से तीन घंटे बिताए। कई स्कूल बसें दोपहर 3 बजे भी रवाना हुईं। शाम 4 बजे के बाद भीड़भाड़ और भी बदतर हो गई, खासकर इब्ब्लुर और केआर पुरा के बीच।