हैदराबादःहैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' दिखाए जाने को लेकर विवाद हो गया है। स्क्रीनिंग पर आपत्ति जताते हुए आरएसएस से जुड़े छात्रों के समूह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विश्वविद्यालय प्रशासन के पास शिकायत दर्ज कराई है। वहीं यूओएच के प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन ने कैंपस सुरक्षा विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि बीते शनिवार को विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई थी।
गौरतलब है कि केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने YouTube पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड पर रोक लगा दी है। साथ ही ट्विटर से लिंक वाले 50 ट्वीट्स को भी ब्लॉक कर दिया। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एबीवीपी के एक बयान में कहा गया है- “ABVP-HCU ने इस स्क्रीनिंग के बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचित किया क्योंकि इस वृत्तचित्र के प्रसारण पर भारत सरकार द्वारा हाल ही में प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही, हमने अधिकारियों से इस घटना के बारे में पूछताछ करने और उचित कार्रवाई करने की मांग की है।''
हालांकि एबीवीपी ने अभी तक पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। ABVP की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य और यूओएच के एक छात्र बी श्रवण राज ने कहा, "हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम अभी तक पुलिस के पास नहीं गए हैं और न ही इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया है। हमने केवल विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क किया है क्योंकि वे संबंधित प्राधिकारी हैं। यूओएच प्रशासन इस मुद्दे पर शांत है।”
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर 'स्क्रीनिंग और चर्चा' के संबंध में एक नोटिस "फ्रेटरनिटी मूवमेंट, हैदराबाद विश्वविद्यालय" के तहत हस्ताक्षर किया गया था। स्क्रीनिंग इवेंट में लगभग 70 से 80 छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री देखी। यूओएच छात्र संघ के महासचिव गोपी स्वामी ने कहा कि परिसर के बाहर के लोगों को इस मामले में गुमराह किया जा रहा है।
स्वामी ने कहा कि “शनिवार को स्क्रीनिंग शांतिपूर्वक आयोजित की गई थी। इस पर न तो कोई आपत्ति हुई और न ही कोई तनाव हुआ। डॉक्यूमेंट्री को कुछ प्लेटफॉर्म्स पर ब्लॉक कर दिया गया है लेकिन इसे प्रतिबंधित नहीं किया गया है। मैं वास्तव में हमारे परिसर के लिए चिंतित हूं क्योंकि इस घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।''
यूओएच छात्र संघ के अध्यक्ष और एसएफआई के सदस्य अभिषेक नंदन ने कहा कि एबीवीपी को केंद्र में भाजपा सरकार के एजेंट के रूप में व्यवहार करना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्यूमेंट्री दिखाने वाले छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है, तो हम उनके साथ खड़े रहेंगे। यह किसी प्रतिबंधित संगठन द्वारा बनाई गई फिल्म नहीं है बल्कि एक मीडिया संगठन है जिसका विश्वव्यापी नेटवर्क है। सरकार या किसी कोर्ट ने इस पर रोक नहीं लगाई है। हमारा मानना है कि विश्वविद्यालय परिसरों में चर्चा और बहस की संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।