महबूबनगर: भारतीय जनता पार्टी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बंदी संजय का एक विवादित बयान सामने आया है जिसमें वह सीएम केसीआर की तुलना गैंगस्टर से कर रहे हैं।
बंदी संजय ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव पर आरोप लगाते हुए कहा, "तेलंगाना सीएम केसीआर यूपी में मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद से भी ज्यादा खतरनाक हैं।"
तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष ने ये टिप्पणी महबूबनगर में विशाल निरुद्योग मार्च रैली को संबोधित करते हुए कहा है। उन्होंने कहा कि केसीआर अतीक अहमद से ज्यादा खतरनाक है, वह गैंगस्टरों का सरगना है लेकिन इसमें डरने की कोई बात नहीं है। हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने तक उनसे साथ लड़ते रहेंगे।
बंदी संजय ने केसीआर की तुलना गैंगस्टर अतीक से की
तेलंगाना के महबूबनगर में बेरोजगारों की रैली को संबोधित करते हुए बंदी संजय ने एक अपराधी की तुलना सीएम केसीआर से कर दी। उन्होंने कहा कि जहां अतीक अहमद ने बंदूक की नोक पर लोगों को लूटा था, वहीं केसीआर पुलिस की मदद से लोगों और उनकी जमीनों को लूट रहे थे।
तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के कारण 30 लाख बेरोजगार युवाओं के करियर को खतरे में डालने के लिए मुख्यमंत्री और उनके परिवार को जिम्मेदार ठहराते हुए संजय ने कहा कि बेरोजगार युवाओं को न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।
हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक केसीआर उनके बेटे के टी रामाराव को कैबिनेट से बर्खास्त नहीं कर देते।
इस दौरान तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष ने जोर देकर पेपर लीक के कारण छात्रों को हुई परेशानी के बदले 1 लाख मुआवजे की मांग की है।
संजय ने कहा कि केसीआर सरकार के पतन की उलटी गिनती शुरू हो गई है और भाजपा अगले विधानसभा चुनाव में महबूबनगर जिले की सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी।
जेल जाना कोई बड़ी बात नहीं- बंदी संजय
गौरतलब है कि तेलंगाना पेपर लीक मामले में हाल ही में बंदी संजय जेल गए थे। इस दौरान उन्होंने और उनकी पार्टी ने केसीआर सरकार पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया था।
इस मुद्दे को लेकर बंदी संजय ने कहा कि केसीआर सरकार उन्हें प्रश्नपत्र लीक मामले में फंसाने और उन्हें जेल भेजने की कोशिश कर रही है, केवल इसलिए कि वह बेरोजगारों के लिए लड़ रहे थे।
उन्होंने कहा, "जेल जाना मेरे लिए कोई नई बात नहीं है।" उन्होंने कहा कि मैं नौ बार जेल जा चुका था। भाजपा कार्यकर्ताओं को भी लाठीचार्ज करना पड़ा और तेलंगाना के सामने हर मुद्दे पर जेल जाना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने दावा किया था कि उसने विभिन्न नौकरियों की भर्तियों के लिए 21 अधिसूचनाएं दी थीं, लेकिन उनमें से एक को भी सफलतापूर्वक पूरा नहीं किया गया।