लखनऊ:उत्तर प्रदेश के बहराइच की महसी तहसील में भेड़ियों का आतंक कम नहीं हो रहा है। पिछले 6 दिनों से शांत रहने के बाद रविवार रात को आतंक का पर्याय बने भेड़ियों ने फिर हमला बोला। भेड़िये अब नये इलाकों में हमले कर रहे हैं। रविवार रात भेड़िये ने एक छह साल के बच्चे को उसकी गर्दन से खींचकर ले जाने की कोशिश की लेकिन मां के साहस ने बच्चे को बचा लिया।
ये मामला हरदी गांव का है। गुड़िया अपने घर के बरामदे में खाट पर अपने बेटे पारस के साथ बैठी थी, तभी भेड़िया उन पर झपटा और बच्चे को निशाना बनाया। पारस भाग्यशाली था कि गर्दन भेड़िये के जबड़े में होने के बाद भी बच गया। मां गुड़िया के अनुसार जब वह उठी तो देखा कि लड़का जानवर के जबड़े में है। इस समय गुड़िया ने साहस से काम लिया और जितनी ताकत जुटा सकती थी उतनी ताकत से अपने बेटे को खींच लिया। मदद के लिए मेरे चिल्लाने से अन्य लोग सतर्क हो गए और भेड़िया अंधेरे में गायब हो गया। बच्चे का इलाज गांव के निकट महसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।
बता दें कि मार्च के बाद से, बहराईच क्षेत्र में भेड़ियों के हमलों में आठ लोग मारे गए हैं, जिनमें से सात बच्चे हैं। 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ऐसे ही एक हमले में 26 जुलाई को इसी इलाके में सात वर्षीय लड़के अयांश को उसकी सोती हुई मां से छीनने के बाद भेड़िये ने मार दिया था।
रविवार, 1 सितंबर की रात एक बार फिर बहराईच के लोगों के लिए आतंक बन कर आई। भेड़ियों के अलग—अलग हमलों में ढाई साल की एक बच्ची की मौत हो गयी और एक बुजुर्ग महिला गम्भीर रूप से घायल हो गयी। जुलाई से अब तक हिंसक वन्य जीव के हमलों से मौत की यह आठवीं घटना है।
महसी तहसील क्षेत्र के हरदी थाना इलाके में गरेठी गुरूदत्त सिंह के नव्वन गरेठी मजरे में एक/दो सितंबर की रात घर में मां के साथ सो रही ढाई साल की बच्ची अंजलि को भेड़िया उठा गया। चीख सुनने पर परिजन उसके पीछे भागे, लेकिन कोई पता नहीं चल सका। तलाश करने पर गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर अंजलि का क्षत—विक्षत शव पाया गया।
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया है कि हमलावर भेड़िए अब नये गांवों में हमले कर रहे हैं। चार पांच दिन के अंतराल पर घटनाएं हो रही हैं। रानी के अनुसार, जिन गांवों में पहले घटना हुई है वहां और आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में पुलिस, प्रशासन, पीएसी, वन विभाग के लोग लगे हैं। चार भेड़िए पकड़े भी गये हैं।