Babu Singh Kushwaha Breaking News live: समाजवादी पार्टी (सपा) के जौनपुर से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ शुक्रवार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की लखनऊ में करोड़ों रुपए की जमीन जब्त कर ली है. यह जमीन कानपुर रोड पर स्कूटर इंडिया के सामने स्थित है. इस भूमि पर बाबू सिंह द्वारा संचालित हिंदी अखबार की प्रिंटिंग मशीन लगी है. इस भूमि के साथ कृषि योग्य जमीन भी है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनएचआरएम) घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल है. इसी घोटाले को लेकर ईडी ने उनके खिलाफ कार्रवाई ही है. सांसद बाबू सिंह कुशवाहा का कहना है कि ईडी ने जिस जमीन को जब्त किया है, वह उनके जानने वाले की है. उस जमीन से उनका कोई वास्ता नहीं है.
एनएचआरएम घोटाला मायावती के शासनकाल में वर्ष 2010 को हुआ था. इस घोटाले के सामने आने के बाद इसकी जांच सीबीआई ने शुरू की. उसी दरमियान मायावती ने बाबू सिंह कुशवाहा को अपने मंत्रिमंडल ने बाहर निकाल दिया. इसके बाद उन्हे पार्टी से भी बाहर निकाल दिया गया. इस मामले में बाबू सिंह कुशवाहा की गिरफ्तारी भी हुई थी.
अदालत से उनकी जमानत होने पर बाबू सिंह ने वर्ष 2016 में राजनीतिक दल जन अधिकार पार्टी का गठन किया और इस दल के बैनर तले उन्होने चुनाव भी लड़ा, लेकिन चुनाव में उन्हे शिकस्त मिली. इसी बीच ईडी ने एनएचआरएम घोटाले की जांच शुरू कर दी. तो बाबू सिंह कुशवाहा ने भाजपा का दामान थमा लेकिन एनएचआरएम घोटाले के आरोपी से नाता जोड़ने को लेकर भाजपा में उनका विरोध हुआ तो उन्होंने भाजपा से दूरी बना ली. बीते विधानसभा चुनाव में बाबू सिंह ने सपा से नाता जोड़ लिया.
जौनपुर सीट से वह चुनाव जीतकर सांसद बन गए. अखिलेश यादव ने बाबू सिंह कुशवाहा को सपा संसदीय दल का उपनेता बनाया था. इसी के बाद शुक्रवार को ईडी ने लखनऊ में यह कार्रवाई की है. सपा नेता ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं.
बाबू सिंह का राजनीतिक सफर
बाबू सिंह कुशवाहा बांदा जिले के पखरौली गांव के एक किसान परिवार से है. अप्रैल 1988 में वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आए थे. वर्ष 1993 में बाबू सिंह बांदा के जिला अध्यक्ष बने और वर्ष 2003 में उन्हें मायावती ने पंचायती राज मंत्री बनाया.
इसके बाद वर्ष 2007 में उन्हे खनिज, नियुक्ति और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री बनाया गया. मायावती ने जब परिवार कल्याण विभाग बनाया तो उन्हे इस विभाग का भी मंत्री बनाया गया. एनएचआरएम घोटाले का सामने आने पर मायावती ने उन्हे पार्टी से निकाल दिया. वर्ष 2016 में उन्होंने राजनीतिक दल जन अधिकार पार्टी का गठन किया. अब वह सपा के जौनपुर से सांसद हैं.