विद्रोही कवि अवतार सिंह संधू 'पाश' की आज 69वीं जयंती है। क्रांतिकारी और जन आंदोलनों के कवि पाश की हत्या सिर्फ 38 साल की उम्र में आतंकवादियों ने कर दी थी।
पंजाब के जालंधर जिले में जन्मे पाश की सबसे खतरनाक है, देश की सुरक्षा से खतरा है, अब विदा लेता हूँ...कविताएं दशकों बाद भी प्रासंगिक है।
वामपंथी पार्टी से जुड़े पाश की पहली कविता 1967 में छपी थी। सिर्फ 20 साल की उम्र में जब उनका पहला कविता संग्रह ‘लौह कथा’ छपी उससे पहले ही वह पूरे पंजाब में क्रांतिकारी कवि के रूप में विख्यात हो चुके थे।
पाश का कविता संग्रह ‘बीच का रास्ता नहीं होता’ पंजाबी भाषा की सबसे अधिक बिकने वाली किताब है।
पाश की सबसे मशहूर कविता पढ़िए
मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होतीपुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होतीग़द्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होतीबैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो हैसहमी-सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो हैसबसे ख़तरनाक नहीं होताकपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना बुरा तो हैजुगनुओं की लौ में पढ़नामुट्ठियां भींचकर बस वक़्त निकाल लेना बुरा तो हैसबसे ख़तरनाक नहीं होतासबसे ख़तरनाक वो घड़ी होती हैआपकी कलाई पर चलती हुई भी जोआपकी नज़र में रुकी होती हैसबसे ख़तरनाक वो आंख होती हैजिसकी नज़र दुनिया को मोहब्बत से चूमना भूल जाती हैऔर जो एक घटिया दोहराव के क्रम में खो जाती हैसबसे ख़तरनाक वो गीत होता हैजो मरसिए की तरह पढ़ा जाता हैआतंकित लोगों के दरवाज़ों परगुंडों की तरह अकड़ता हैसबसे ख़तरनाक वो चांद होता हैजो हर हत्याकांड के बादवीरान हुए आंगन में चढ़ता हैलेकिन आपकी आंखों मेंमिर्चों की तरह नहीं पड़तासबसे ख़तरनाक वो दिशा होती हैजिसमें आत्मा का सूरज डूब जाएऔर जिसकी मुर्दा धूप का कोई टुकड़ाआपके जिस्म के पूरब में चुभ जाएसबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जानातड़प का न होनासब कुछ सहन कर जानाघर से निकलना काम परऔर काम से लौटकर घर आनासबसे ख़तरनाक होता हैहमारे सपनों का मर जाना