दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही बैंकों को एटीएम पर शुल्क बढ़ाकर 21 रुपए प्रति लेनदेन करने की अनुमति दे दी है । बैंक इस सीमा के भीतर ग्राहकों पर शुल्क लगा सकते हैं । हालांकि ये नियम आपकी मुफ्त निकासी की सीमा खत्म होने के बाद लागू होंगे । केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि यह संशोधित दर 1 जनवरी 2022 से प्रभावी होगी ।
सीमा से अधिक निकासी पर लगेगा शुल्क
ग्राहक अपने बैंक एटीएम से हर महीने पांच मुफ्त लेनदेन कर सकते हैं । इसमें वित्तीय और गैर वित्तीय लेनदेन दोनों शामिल है । सीमा से अधिक एटीएम से निकासी करने पर 20 की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा । नगद निकासी के लिए अन्य बैंकों के एटीएम का उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए मेट्रो शहरों में तीन और गैर मेट्रो केंद्रों में पांच मुक्त एटीएम लेनदेन की अनुमति है ।
आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि नियामक ने लगभग 7 साल बाद एटीएम लेनदेन के शुल्क में वृद्धि की है । यह भी देखा गया है कि एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क में अंतिम परिवर्तन अगस्त 2012 में किया गया था जबकि ग्राहकों द्वारा देय शुल्कों को अंतिम बार अगस्त 2014 में संशोधित किया गया था । इस प्रकार शुल्क को अंतिम बार बदले जाने से काफी समय बीत चुका है।
एटीएम के रखरखाव को देखते हुए बढ़ा शुल्क
बैंकों या व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों द्वारा एटीएम की तैनाती और रखरखाव की बढ़ती लागत को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने एटीएम लेनदेन शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है । जून 2019 में आरबीआई में एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज संरचना पर विशेष ध्यान देने के लिए एटीएम शुल्क और शुल्क के पूरे दायरे की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया था ।
आरबीआई ने कहा धारक संस्थाओं और ग्राहक की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने वित्त लेनदेन के लिए 15 से 17 रुपए और गैर वित्तीय लेनदेन के लिए 6 से 5 रुपए तक इंटरचेंज शुल्क भी बढ़ा दिया है । यह नई दरें 1 अगस्त 2021 से लागू होगी । इंटरचेंज शुल्क बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से भुगतान करने वाले व्यापारियों से लिया जाने वाला शुल्क है।
इसके अलावा कैश रिसाइकलर मशीनों पर किए गए लेनदेन के लिए भी निर्देश दिए गए, जो आवश्यक परिवर्तनों सहित लागू होंगे । नियामक ने कहा कि आरबीआई का निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 की धारा 18 के साथ धारा 10(2) के तहत जारी किया गया है।