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Assam floods: बाढ़ से अब तक 52 की मौत, 24 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, हालात हुए बदतर

By आकाश चौरसिया | Updated: July 6, 2024 13:14 IST

Assam floods: भारत के उत्तर पूर्वी राज्य असम में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद आई बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या में इजाफा होते हुए अब तक कुल 52 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल सरकार की ओर से राहत कार्य जारी है।

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ठळक मुद्देअसम में आई बाढ़ के बाद काफी बुरे हालात पैदा हो गए हैंवहीं, प्रदेश भर में अब तक कुल 52 मौत हो चुकीफिलहाल, सरकार की ओर से राहत कार्य जारी

Assam floods: भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्य असम में आई बाढ़ के बाद लोगों के बीच काफी असुविधा देखने को मिली और यहां तक कि इससे करीब अभी तक 24 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं। वहीं, आधिकारिक बुलेटन के जरिए खबर सामने आई कि राज्य की ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। फिलहाल सरकार की ओर से राहत कार्य जारी है, जिसमें केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रदेश की हिमंता सरकार की सहायता कर रही।    

राज्य के निमातीघाट, गुवाहटी गोलपारा और धुबरी से बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा ब्रह्मपुत्र की सहयोगी नदी बूढ़ी दिहिंग, दिखौ, दिसांग, धनसिरी, जिया भराली और कोपिली भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। दूसरी तरफ बराक नदी और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों..मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के दिसपुर इलाके में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में दो लोगों की जान चली गई, जिनमें से एक बच्चा था। इस घटना के बाद बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की कुल संख्या 64 हो गई है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ के कारण विशेष रूप से कोई नई मौत नहीं हुई है, बाढ़ से संबंधित मौतों की संख्या 52 बनी हुई है।

कृषि भूमि की बात करें तो उस पर भी गंभीर असर पड़ा है और बाढ़ के पानी ने 63,490.97 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न हो गई है। इसके अलावा, कामरूप (महानगर) के तीन जिलों, कामरूप और डिब्रूगढ़ में शहरी बाढ़ की सूचना मिली थी, जहां एक बच्चे के लापता होने की सूचना सामने आई।

'धुबरी' सबसे अधिक प्रभावित जिला सबसे अधिक प्रभावित जिला धुबरी है जहां 7,75,721 लोग प्रभावित हैं, इसके बाद दरांग (1,86,108), कछार (1,75,231), बारपेटा (1,39,399) और मोरीगांव (1,46,045) हैं। पीटीआई ने आधिकारिक बुलेटिन का हवाला देते हुए बताया कि 47,103 लोगों ने 612 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि 379 से अधिक लोगों और 483 जानवरों को विभिन्न एजेंसियों द्वारा संचालित नौकाओं से बचाया गया है।

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