Asansol by Election 2022: पटना साहिब की आपसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता आसनसोल में होने जा रहे उपचुनाव में भी परिलक्षित हुई जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने बार-बार पाला बदलने को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि क्या वह अगले संसदीय चुनाव में तृणमूल कांग्रेस में ही रहेंगे।
प्रसाद ने बंगाल में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चिंता प्रकट की और मांग की कि आसनसोल लोकसभा सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के दौरान सभी मतदान केंद्रों पर सीआरपीएफ कर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए ताकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने सिन्हा पर पिछले तीन सालों में अपनी निष्ठा तीन बार बदलने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ इस बात की क्या गांरटी है कि वह अगले लोकसभा चुनाव तक तृणमूल कांग्रेस का ही हिस्सा रहेंगे। वह भाजपा से कांग्रेस में गये, फिर तृणमूल में गये। जिस व्यक्ति को मैंने पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में हराया वह यहां चुनाव लड़ने आये हैं।’’
2019 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब में प्रसाद एवं सिन्हा के बीच का चुनावी मुकाबला चर्चा का विषय रहा था। लोकसभा सदस्य रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में भय का माहौल बना है। प्रसाद ने कहा, ''मैं निर्वाचन आयोग से अपील करूंगा कि आसनसोल में बड़ी संख्या में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान तैनात किए जाएं।''
बंगाल उपचुनाव: कांग्रेस के उम्मीदवारों ने कहा- टीएमसी के उम्मीवार चयन से फायदा मिलेगा
पश्चिम बंगाल में हो रहे उपचुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवारों का मानना है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा आसनसोल लोकसभा और बालीगंज विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवारों का चयन उन्हें लाभ पहुंचाएगा। टीएमसी ने पश्चिम बर्धमान जिले के औद्योगिक शहर आसनसोल की लोकसभा सीट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं दक्षिण कोलकाता की बालीगंज विधानसभा सीट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को टिकट दिया है। वे दोनों पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता थे।
कांग्रेस उम्मीदवारों ने दावा किया कि वे ‘धरतीपुत्र’ हैं जबकि सिन्हा बाहरी हैं, जबकि आसनसोल के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री के तौर पर बाबुल सुप्रियो का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। कांग्रेस के उम्मीदवार प्रसेनजीत पुइतुंड्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘शत्रुघ्न सिन्हा लड़ाई से बाहर हैं। वह बाहरी हैं और आसनसोल की जनता चाहती है कि लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व अपने ‘घर का आदमी’ (स्थानीय व्यक्ति) करे। इतने वर्षों में आसनसोल केवल इसलिए नुकसान उठाता रहा है क्योंकि उन्होंने बाहरी लोगों को अपना प्रतिनिधि चुना।’’
उनके अनुसार, 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव में मुख्य लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के बीच होगी, क्योंकि भाजपा ने भी ‘घर की बेटी’ अग्निमित्रा पॉल को उम्मीदवार बनाया है। पुइतुंड्य ने कहा, ‘‘मेरा जन्म और पालन-पोषण यहीं हुआ है। मैं आसनसोल की एक-एक ईंट को जानता हूं और लोग मुझे अच्छी तरह जानते हैं। मैं आसनसोल के मुद्दों को समझता हूं और यह भी जानता हूं कि बाबुल सुप्रियो ने आसानसोल का क्या नुकसान किया है। मैं नेता नहीं बेटा हूं।’’
कांग्रेस के 42-वर्षीय उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि गायक से राजनेता बने ‘बाहरी’ (बाबुल) सुप्रियो ने अपने दो कार्यकाल के दौरान सांसद और मंत्री के तौर पर आसनसोल में हर चीज गड़बड़ की है। उन्होंने कहा, ‘‘अग्निमित्रा दी मेरी बड़ी बहन जैसी हैं और वह आसनसोल से भी हैं। लेकिन मुझे कुछ संदेह है कि उन्हें इस बात का अंदाजा है या नहीं कि आखिर आसनसोल की जनता क्या चाहती है।
वह कोलकाता चली गयी हैं और वहां पिछले एक दशक से रह रही हैं।’’ बालीगंज विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार कमरुज्जामन चौधरी ने भी दावा किया कि उपचुनााव में उनके लिए भी ‘बेहतर मौका’ है। तृणमूल के मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के कारण बालीगंज सीट पर उपचनुाव कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुब्रत मुखर्जी की बराबरी करना आसान नहीं है, लेकिन तृणमूल ने बाबुल सुप्रियो को उम्मीदवार बनाकर काम आसान कर दिया है।