पूर्वोत्तर भारत के नागालैंड में चुनाव के बाद नेफ्यू रियो की सरकार बन चुकी है, जिसमें बीजेपी सहयोगी है। नागालैंड में नई सरकार बनने के साथ ही एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने करारा तंज कसा है। उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की पार्टी द्वारा नेफ्यू रियो को समर्थन देने की आलोचना करते हुए कहा, "अगर शरद, शादाब होते तो उन्हें बी टीम कहा जाता और धर्मनिरपेक्षों के लिए अछूत कहा जाता।"
उन्होंने कहा, "मैंने कभी भारतीय जनता पार्टी का समर्थन नहीं किया है और कभी नहीं करूंगा लेकिन ये दूसरी बार है जब एसीपी ने बीजेपी का समर्थन किया है और यह आखिरी बार नहीं हो रहा।"
गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी राकांपा के पूर्वोत्तर प्रभारी नरेंद्र वर्मा के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि शरद पवार ने नागालैंड राज्य के व्यापक हित में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार करने का फैसला किया है। नागालैंड एनसीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि शरद पवार ने अन्य राजनीतिक दलों के साथ जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिन्होंने सीएम नेफ्यू रियो का समर्थन किया था।
राकांपा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों और उसकी स्थानीय इकाई की राय है कि पार्टी को राज्य के व्यापक हित में सरकार का हिस्सा होना चाहिए। हालांकि, बयान में भाजपा का कोई जिक्र नहीं किया गया, जिसने चुनाव में 12 सीटें जीतीं।
नेफ्यू रियो की कैबिनेट में बीजेपी के मंत्री
नेफ्यू रियो की कैबिनेट में बीजेपी के पांच मंत्री भी हैं। उन्होंने 7 मार्च को एनडीपीपी के सात मंत्रियों और भाजपा के पांच मंत्रियों के मंत्रिमंडल के साथ पांचवें कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
एनसीपी का विपक्षी दलों के बीच सबसे अच्छा प्रदर्शन था, उसने चुनाव में लड़ी गई 12 सीटों में से सात सीटों पर जीत हासिल की है। हाल ही में विधानसभा चुनाव में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने 60 में से 37 सीटें हासिल करने के बाद नागालैंड में सर्वदलीय सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।