Arvind Kejriwal Arrested: आम आदमी पार्टी के संयोजक और राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश की भावना है। आप नेताओं ने आद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है जिसके तहत बीजेपी दफ्तरों के बाहर आप कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन होने वाला है। इस बीच, अरविंद केजरीवाल के बाद उनकी पार्टी के एक और मंत्री पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
आप नेता और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी की चेतावनी देते हुए जमकर फटकार लगाई है। उच्च न्यायालय ने क्लिनिकल प्रतिष्ठानों को विनियमित करने के लिए कानून बनाने पर न्यायिक आदेशों का पालन नहीं करने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को फटकार लगाई है।
उच्च न्यायालय ने कार्यवाही के दौरान मौजूद स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार से कहा कि वे "सरकार के सेवक" हैं और "बड़े अहंकार" नहीं रख सकते।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले गुरुवार को सौरभ भारद्वाज को कोर्ट ने फटकार लगाई। अदालत ने फरवरी में एक ईमेल देखने के बाद भारद्वाज और कुमार को उसके समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा था, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली स्वास्थ्य प्रतिष्ठान (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक पर चर्चा के दौरान मंत्री को लूप में नहीं रखा गया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, ''आपको व्यावहारिक होना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इन दो लोगों के बीच की लड़ाई से दलालों को फायदा न हो।''
कोर्ट ने कहा कि हमें परेशान करने वाली बात यह है कि याचिकाकर्ता एक आम आदमी की दुर्दशा को उजागर कर रहा है। वह हमें बता रहा है कि सभी प्रकार की लैब रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं जो सच और सही नहीं हैं और आम आदमी पीड़ित है। लेकिन यह आपका खेल है आप दोनों के बीच और विभिन्न गुटों के बीच जो चल रहा है, वह अदालत के लिए अस्वीकार्य है।
पीठ ने कहा कि अगर मंत्री और सचिव मुद्दों को संभालने में असमर्थ हैं और झगड़ते रहते हैं, तो अदालत किसी तीसरे पक्ष को चीजों को संभालने के लिए कहेगी या क्या करना है इसके बारे में आदेश पारित करेगी।
कोर्ट ने कहा, "हमारे साथ ऐसा मत करो नहीं तो तुम दोनों जेल जाओगे। अगर इससे आम आदमी को फायदा होगा तो हमें तुम दोनों को जेल भेजने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी। तुम दोनों बड़ा अहंकार नहीं कर सकते, तुम दोनों नौकर हो।"
सुनवाई में कहा गया कि सरकार और आप दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आम आदमी को फायदा हो। आप क्या कर रहे हैं? लोगों को उनके रक्त नमूनों की गलत रिपोर्ट मिल रही है।
उच्च न्यायालय बेजोन कुमार मिश्रा की 2018 की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता शशांक देव सुधी ने किया था, जिन्होंने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत प्रयोगशालाएं और डायग्नोस्टिक केंद्र अयोग्य तकनीशियनों के साथ काम कर रहे थे और मरीजों को गलत रिपोर्ट दे रहे थे।
याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि शहर में पैथोलॉजिकल लैब अनियमित हैं और नागरिकों के जीवन के लिए खतरा हैं। याचिका में कहा गया है, "इस तरह की अवैध लैब दिल्ली-एनसीटी और उसके आसपास लगातार बढ़ती जा रही हैं और यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि ऐसी अवैध पैथोलॉजिकल और डायग्नोस्टिक लैब की कुल संख्या 20,000 से 25,000 के बीच हो सकती है और राजधानी की हर सड़क पर ऐसी लैब हैं।"
बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को गुरुवार देर रात गिरफ्तार किया गया है जिसके बाद मामले में राजनीति तेज हो गई है। आप पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है।