सुरक्षा एजेंसियों ने सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों को पाकिस्तान द्वारा दुर्भावनापूर्ण इरादे से ‘आरोग्य सेतु ऐप’ से मिलता-जुलता मोबाइल ऐप्लीकेशन लाए जाने के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि इसका मकसद संवेदनशील जानकारियां चुराना है। सेना ने एक परामर्श में कहा गया है कि यह फर्जी ऐप उपयोगकर्ता को व्हाट्सऐप पर संदेश के जरिये या एसएमएस के जरिये, ईमेल के जरिये या इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया के मार्फत किसी लिंक से प्राप्त हो सकता है। इसमें कर्मियों को यह सुझाव दिया गया है कि उन्हें अधिकृत वेबसाइट माईजीओवी डॉट इन से ही आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना चाहिए।
पीटीआई-भाषा द्वारा हासिल किये गये परामर्श की प्रति के मुताबिक, ‘‘डाउनलोड किये जाने के दौरान फर्जी ऐप उपयोगकर्ता से इंटरनेट का इस्तेमाल करने और अतिरिक्त ऐप्लीकेशन पैकेज इंस्टॉल करने की इजाजत देने को कहता है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इसके बाद, यह दुर्भावनापूर्ण लिंक फेस डॉट एपीके, आईएमओ डॉट एपीके, नॉर्मल डॉट एपीके, ट्रूसी डॉट एपीके, स्नैप डॉट एपीके और वाइबर डॉट एपीके डालता (इंस्टॉल करता) है।’’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके बाद ये वायरस हैकर को उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन में मौजूद जानकारियों और फोन की गतिविधियों को जानने में सक्षम कर देते हैं। उपयोगकर्ता के फोन से निकाली गई जानकारियां ऐप की कमान एवं नियत्रण केंद्र में रखी जाती है, जिसके नीदरलैंड में स्थित होने की बात कही जा रही है।
उन्होंने कहा कि सैनिकों को अपने मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया और ईमेल पर संदिग्ध लिंक खोलते समय सावधान रहने को कहा गया है। साथ ही उनसे एंटी वायरस गार्ड अपडेट करने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति जोखिम का आकलन करने में मदद करने के लिये पेश किया है।