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क्या आप 1,50,000 लोगों की मौतों के बारे में चिंतित नहीं हैं?, भारी-भरकम जुर्माने का लक्ष्य राजस्व आय योजना नहींः गडकरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 11, 2019 16:18 IST

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह राजस्व आय योजना नहीं है, क्या आप 1,50,000 लोगों की मौतों के बारे में चिंतित नहीं हैं? अगर राज्य सरकार इसे कम करना चाहती है, तो क्या यह सच नहीं है कि लोग न तो कानून को मानते हैं और न ही इससे डरते हैं।

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ठळक मुद्देगडकरी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नियमों का पालन करता है तो उसे जुर्माने का भय नहीं होना चाहिये।गडकरी ने कहा कि कठोर नियम आवश्यक थे क्योंकि लोग यातायात नियमों को हल्के में लेते थे

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर लगाये गये भारी-भरकम जुर्माने का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह राजस्व आय योजना नहीं है, क्या आप 1,50,000 लोगों की मौतों के बारे में चिंतित नहीं हैं? अगर राज्य सरकार इसे कम करना चाहती है, तो क्या यह सच नहीं है कि लोग न तो कानून को मानते हैं और न ही इससे डरते हैं।

कड़े यातायात नियमों का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना: गडकरी

गडकरी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नियमों का पालन करता है तो उसे जुर्माने का भय नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई व्यक्ति यातायात नियमों का पालन कर रहा है तो उसे जुर्माने का डर क्यों? लोगों को खुश होना चाहिये कि भारत में विदेश की तरह सड़कें सुरक्षित हो जाएंगी, जहां लोग अनुशासन के साथ यातायात नियमों का पालन करते हैं। क्या इंसानों के जान की कीमत नहीं है?’’

गडकरी ने कहा कि कठोर नियम आवश्यक थे क्योंकि लोग यातायात नियमों को हल्के में लेते थे और लोगों में इन नियमों का कोई भय या सम्मान नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील हूं। उन लोगों से पूछिये जिन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में किसी करीबी को खोया है।

सड़क दुर्घटनाओं के 65 प्रतिशत शिकार 18 से 35 वर्ष के होते हैं, उनके परिजनों से पूछिये कि उन्हें कैसा लगता है। मैं खुद सड़क दुर्घटना का पीड़ित हूं। यह सोच-समझकर उठाया गया कदम है और चाहे कांग्रेस हो या तृणमूल और टीआरएस, सभी दलों की सहमति ली गयी है।’’

उन्होंने कहा कि कानून नियमों का उल्लंघन करने वालों पर समान रूप से कार्रवाई करता है। उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है उल्लंघन करने वाला कोई केंद्रीय मंत्री है या मुख्यमंत्री, कोई बड़ा अधिकारी है या पत्रकार। नियमों का जो कोई भी उल्लंघन करेगा, उसे जुर्माना देना ही होगा। 

नये मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माने को गुजरात सरकार ने कम किया

गुजरात सरकार ने हाल में पारित किए गए नए मोटर वाहन अधिनियम में निर्धारित दंड राशि को मंगलवार को कम कर दिया है। मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019 जुलाई में संसद द्वारा पारित किया गया था और इसके तहत बढ़ी हुई जुर्माना राशि एक सितंबर से लागू हो गयी।

हालांकि कुछ राज्यों ने यह कहते हुए इसे टाल दिया कि लोगों को बढ़ाये गए जुर्माने की राशि से परिचित होने के लिए समय की जरूरत है। इसकी घोषणा करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि नये अधिनियम में निर्धारित जुर्माना अधिकतम सुझाया गया था और उन्हें सरकार ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कम कर दिया गया है ।

कुछ मामलों में तो राज्य ने जुर्माने की राशि को 10 हजार रुपये से घटाकर एक हजार रुपये कर दिया है। नये कानून के तहत बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने पर 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है जिसे गुजरात सरकार ने 500 रुपये करने का निर्णय किया।

चौपहिया वाहन के मामले में सीट बेल्ट नहीं होने पर भी यही दंड राशि रहेगी। इसी प्रकार लाइसेंस बिना वाहन चलाने के लिए दंड राशि नये कानून के तहत 5000 रुपये है। गुजरात सरकार ने दुपहिया वाहनों के मामले में इसे 2000 रुपये और चौपहिया वाहनों के मामले में 3000 रुपये कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि राज्य सरकार दंड राशि को कम करके यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के प्रति नरमी नहीं दिखा रही है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि राज्य सरकार द्वारा तय की गयी दंड राशि भी नया कानून लागू होने से पहले की तय राशि से दस गुना अधिक है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय कानून में दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले को हेलमेट नहीं लगाने पर एक हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है लेकिन गुजरात में यह प्रावधान लागू नहीं होगा। रुपाणी ने कहा कि ‘डिजीलॉकर’ ऐप में दस्तावेजों को डिजिटल रूप में रखा जा सकता है और मांगे जाने पर उन्हें अधिकारियों को दिखाया जा सकता है। 

 

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