Araku Food Poisoning Case: आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में एक आदिवासी कल्याण हॉस्टल में दूषित खाना खाने से दर्जन भर से ज्यादा लड़कियां बीमार हो गई। करीब 60 लड़कियों की खाना खाते ही तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। गौरतलब है कि हॉस्टल के खाने से लड़कियों को फूड पॉइजनिंग की शिकायत हुई जिससे लड़कियों की हालत खराब हो गई।
जिला अधिकारियों ने बताया कि अब सभी छात्राएं खतरे से बाहर है। बताया जा रहा है यह घटना शनिवार शाम को अराकू घाटी के डुम्ब्रीगुडा ब्लॉक में कोर्राई ग्राम पंचायत के जमीगुडा आदिवासी कल्याण आवासीय विद्यालय में हुई।
अंडा करी खाते ही बिगड़ी तबीयत
एएसआर जिला कलेक्टर एएस दिनेश कुमार ने कहा कि स्कूल के छात्रावास में रहने वाली 650 लड़कियों में से करीब 60 छात्राओं को उल्टी और पेट दर्द जैसे लक्षण दिखाई दिए। कुमार ने आगे कहा कि प्रथम दृष्टया यह पता चला है कि लड़कियों को रात के खाने में दूषित अंडे से बनी करी परोसी गई थी।
उन्होंने कहा, "भोजन के कुछ घंटे बाद, छात्राओं को उल्टी होने लगी, जिसके बाद तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी। इस बीच, एक छात्रा में मलेरिया का पता चला और उसका विशेष उपचार किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि घटना की सूचना मिलने पर जिला आदिवासी कल्याण अधिकारी स्कूल पहुंचे और उन्हें अराकू के सरकारी क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों की एक टीम ने उन्हें सलाइन और एंटीबायोटिक्स देने के बाद उनकी स्थिति की निगरानी की। कलेक्टर ने कहा, "अब उनकी हालत स्थिर है और वे ठीक हो रहे हैं।"
सीएम ने लिया संज्ञान
मामले के सामने आने के बाद, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कलेक्टर और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने उनसे कहा कि वे देखें कि अस्पताल में भर्ती छात्रों को सर्वश्रेष्ठ उपचार मिले।
कलेक्टर ने संयुक्त कलेक्टर अभिषेक के साथ छात्रों की स्थिति की जांच करने और छात्रों की स्थिति के बारे में चिकित्सा कर्मचारियों से परामर्श करने के लिए अस्पताल का दौरा किया।
एपी एसटी आयोग के अध्यक्ष डॉ डी वी जी शंकर राव ने भी अधिकारियों से बात की और स्थिति के बारे में जानकारी ली। कुमार ने आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कल्याण छात्रावासों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, "हम एक नीति भी पेश करेंगे जिसके तहत दैनिक मेनू की तस्वीर खींची जाएगी और निगरानी के लिए एकीकृत आदिवासी विकास एजेंसी (आईटीडीए) के परियोजना अधिकारियों को भेजी जाएगी।"
बता दें कि आंध्र प्रदेश में भोजन विषाक्तता के कारण छात्रों के बीमार होने की यह चौथी घटना है। 18 अगस्त को, अनकापल्ली जिले के नरसीपटनम ब्लॉक के कोटावुराटला मंडल के कैलासपटनम गांव में एक धार्मिक संस्था द्वारा संचालित छात्रावास में भोजन करने के बाद संदिग्ध भोजन विषाक्तता के कारण नौ वर्ष से कम उम्र की दो लड़कियों सहित तीन बच्चों की मौत हो गई और 74 अन्य बीमार हो गए।