देश के मिसाइल मैन और 11वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आज 87वीं जयंती है। वे हमेशा से ही युवाओं के लिए प्रेरणा रहे हैं। 2002 में भारत का राष्ट्रपित बनने के बाद उन्होंने देश की तरक्की के लिए बहुत कुछ किया। पांच साल बाद अपना कार्यभार पूरा करने के बाद भी वह शिक्षा और लेखन के साथ सामाजिक कार्यों में लगे रहे। एक पॉलिटिकल फीगर से इतर हटकर भी कलाम ने हमेशा कुछ नया और कुछ बेहतर की ओर काम करने को बढ़ावा दिया। हलांकि कलाम साहब की जिंदगी खुले पन्ने की तरह है मगर उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे सच भी हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं जैसे उन्होंने हमेशा अपने बाल बड़े क्यों रखे या उन्होंने कभी शादी क्यों नहीं कि आदि। आज उनकी जयंती पर आप भी जानिए उनके जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
शादी मतलब खुदगर्जी
एक बार एक इंटरव्यू में एपीजे अब्दुल कलाम से पूछा गया कि उन्होंने पूरी जिंदगी शादी क्यों नहीं की तो कलाम ने कहा कि शादी और बच्चे इंसान अपनी सेल्फिशनेस के लिए करता है और वह कभी सेल्फिश नहीं होना चाहते थे।
यही कारण है कि उन्होंने कभी शादी नहीं की। उन्होंने कहा कि हमेशा ही वह राष्ट्र के हित और लोगों के हित में काम करना चाहते थे इसलिए अपना सारा समय देश के कामों में लगाया।
लम्बे बाल बन गया ट्रेंड
15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वर में जन्में अब्दुल कलाम का जन्म से ही एक कान आधा था। इसे ही छिपाने के लिए उन्होंने जिंदगी भर अपने बालों को बड़ा रखा। हलांकि बाद में उनके यही बाल उनकी पहचान बन गए। आगे चलकर वह उन वैज्ञानिकों की लिस्ट में आ गए जिन्होंने हमेशा लम्बे बाल को स्पोर्ट किया और अब्दुल कलाम को ही देखकर कई लोगों ने अपने बाल को उनके जैसा कर लिया।
जब अपने असिस्टेंट के बेटे को खुद एक्जीबिशन दिखाने चले गए थे आजाद
अब्दुल कलाम हमेशा ही प्रेरणादायक रहे। सिर्फ समाज की ही नहीं बल्कि वह लोगों की समस्या को भी भली-भांति समझते थे।
एक बार अब्दुल कलाम के असिस्टेंट ने उनसे ऑफिस से जल्दी जाने की परमिशन ली थी क्योंकि उसे अपने बेटे को एक्जीबिशन लेकर जाना था मगर काम में वह इतना बिजी हो गया कि जल्दी घर निकल ही नहीं पाया। देर शाम जब वो घर पहुंचा तो उसकी वाइफ और बच्चे दोनों ही घर पर नहीं थे। जब उसने पता लगाने की कोशिश की तो पता चला कि अब्दुल कलाम खुद अपने असिस्टेंट के बच्चे को एक्सीबिजशन घुमाने ले आए थे।
बचपन में बेचते थे अखबार
अब्दुल कलाम को हमेशा ही जानकारी और देश-विदेश में क्या हो रहा है इस बात में रुचि थी। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश का ये 11वां राष्ट्रपति बचपन में अखबार बेचा करता था।
प्रख्यात तो ये है कि अब्दुल कलाम को जानकारियों से इतना प्यार था कि वो पहले पूरा अखबार पढ़ लेते थे तब उसे बांटने जाते थे। देश का ये रत्न 27 जुलाई 2015 को हम सभी को छोड़कर चला गया। शिलॉन्ग के आईआईएम में लेक्चर के दौरान आए हार्ट अटैक से अब्दुल कलाम का निधन हो गया।