भारतीय वायुसेना (IAF) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ अमेरिका निर्मित ‘अपाचे AH-64E’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर को आज आईएएफ में शामिल कर लिया गया। इसे मंत्रोच्चारण के साथ पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन में एक समारोह में शामिल किया गया।
इस समारोह में वायुसेना प्रमुख एयल चीफ मार्शल बीएस धनोआ बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। बोइंग ने समारोह में हेलीकॉप्टर की प्रतीकात्मक चाबी वायुसेना को सौंपी।
‘अपाचे एएच-64ई’ दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं और अमेरिकी सेना इनका इस्तेमाल करती है। वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी न बताया, ‘‘ आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर वायुसेना में शामिल होने जा रहे हैं, जो बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे।’’ भारतीय वायुसेना ने 22 ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था।
अपाचे AH-64E के बारे में
साल 1984 में बोइंग कंपनी ने अमरीकी सेना को पहला अपाचे हेलीकॉप्टर दिया था। तब इस मॉडल का नाम था AH-64A। तब से लेकर अब तक बोइंग 2,200 से अधिक अपाचे हेलीकॉप्टर बेच चुकी है। भारत ही नहीं बोइंग कंपनी ने अमरीकी सेना के माध्यम से मिस्र, ग्रीस, भारत, इंडोनेशिया, इसराइल, जापान, क़ुवैत, नीदरलैंड्स, क़तर, सऊदी अरब और सिंगापुर को अपाचे हेलीकॉप्टर बेचे हैं। अपाचे AH-64E की खासियत
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट में बोइंग कंपनी के मुताबिक बताया है कि यह हेलीकॉप्टर करीब करीब 16 फ़ुट ऊंचा और 18 फुट चौड़ा है। अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट होना जरूरी है। बेहद रफ्तार वाले इस हेलीकॉप्टर में दो इंजन होते हैं। इसकी अधिकतम स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा है।
बेहद ही खतरनाक है अपाचे हेलीकॉप्टर
इस हेलीकॉप्टर की सबसे सबसे खास बात यह है कि इसे इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है। इसमें 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है। इस हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल लगा होता है। इस राइफल में में एक बार में 30mm की 1,200 गोलियाँ भरी जा सकती हैं। इसके अलावा यह हेलीकॉप्टर एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।