बेलगावी (कर्नाटक), 22 दिसंबर कर्नाटक विधानसभा में बृहस्पतिवार को विवादास्पद "धर्मांतरण विरोधी विधेयक" चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा जाएगा। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस द्वारा इसका भारी विरोध होने के आसार हैं।
‘कर्नाटक धर्म की आजादी का अधिकार विधेयक, 2021’ मंगलवार को विधानसभा में पेश किया गया था। पहले यह विधेयक बुधवार शाम को चर्चा के लिए रखा जाने वाला था, लेकिन सभी पक्षों की सहमति से इसे बृहस्पतिवार सुबह लाए जाने का फैसला किया गया।
दोपहर के भोजन के बाद बुधवार को जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई, अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने कार्यवाही के संबंध में विधायकों से सुझाव मांगे।
विपक्ष के नेता सिद्धरमैया और कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जे सी मधुस्वामी सहित सभी नेताओं के साथ मशविरा के बाद, कल सुबह विधेयक पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया। हालांकि, सिद्धरमैया ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस विधेयक के खिलाफ है।
कांग्रेस ने मंगलवार को विधानसभा में विधेयक पेश करने समय इसे 'सख्त और संविधान विरोधी' बताते हुए इसे पेश किए जाने का विरोध किया था।
ईसाई समुदाय के नेताओं ने भी विधेयक का विरोध किया है। इस विधेयक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा और बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी कपटपूर्ण तरीके से एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी अंतरण पर रोक लगाने का प्रावधान करता है।
विधेयक में दंडात्मक प्रावधानों का भी प्रस्ताव है और इस बात पर जोर दिया गया है कि जो लोग कोई अन्य धर्म अपनाना चाहते हैं, उन्हें कम से कम 30 दिन पहले निर्धारित प्रारूप में जिलाधिकारी के समक्ष घोषणापत्र जमा करना होगा।
जनता दल (एस) ने भी विधेयक का विरोध करने की घोषणा की है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।