Andhra Pradesh, Telangana Marathwada Rain Live Updates: तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बुरा हाल हो गया है। तेलंगाना में 16, आंध्र प्रदेश में 15 और मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश से चार लोगों की मौत हो गई है। तेलंगाना में कुछ लोग अब भी लापता हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने केंद्र से राज्य में बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह करने का फैसला किया है। राज्य के आईटी एवं उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने संवाददाताओं को बताया कि नुकसान की रिपोर्ट मिलने के बाद ही पूरा ब्योरा पता चल पाएगा।
रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों के साथ बारिश की स्थिति की समीक्षा की और वर्षाजनित घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार बाढ़ से हुए नुकसान पर एक व्यापक रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी। सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की गुजारिश करेगी।
केंद्र से तेलंगाना में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का भी अनुरोध करेगी। विज्ञप्ति के मुताबिक, मवेशियों, बकरियों और भेड़ों के नुकसान के लिए मुआवज़ा बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को उन इलाकों में अलर्ट रहने को कहा गया है जहां भारी बारिश का अनुमान है।
जिला कलेक्टरों को जिलों में कॉल सेंटर स्थापित करने को कहा गया है ताकि बारिश से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाई जा सके। रेवंत रेड्डी ने बाढ़ प्रभावित खम्मम, भद्राद्री कोठागुडेम, महबूबाबाद और सूर्यापेट जिलों को पांच करोड़ रुपये की तत्काल सहायता की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र मरम्मत कराने तथा बिजली आपूर्ति से संबंधित समस्याओं का समाधान करने को भी कहा। रेवंत रेड्डी खम्मम और अन्य जिलों में वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुए। आंध्र प्रदेश में बीते तीन दिन में हुई भीषण बारिश से जुड़ी घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, विजयवाड़ा के मोगलराजपुरम में भूस्खलन के कारण पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि विजयवाड़ा ग्रामीण, जी कोंडरू मंडल और रेड्डीगुडेम मंडल में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। ये सभी इलाके एनटीआर जिले में आते हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है, “गुंटूर जिले में पांच मौतें हुईं।
उप्पलापाडु से नम्बुरु जा रहे एक शिक्षक और दो छात्र स्थानीय जलधारा में बह गए तथा मंगलगिरी शहर के प्रथम वार्ड में 80 वर्षीय एक महिला की ऊपर से गिरे बड़े-बड़े पत्थरों की चपेट में आने से मौत हो गई।” विज्ञप्ति के मुताबिक, गुंटूर जिले के पोन्नेकल्लू गांव में कोंडावीडु जलधारा में एक व्यक्ति बह गया।
इसमें कहा गया है कि वर्षाजनित मौतों के अलावा, मरकापुर संभाग के प्रकाशम जिले में तीन बच्चे उस समय डूब गए जब वे तैरने गए थे। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में सोमवार को सुबह नौ बजे तक पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई। परभणी जिले के पाथरी गांव में सबसे अधिक 314 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, चार लोगों की मौत हो गई और ग्रामीण इलाकों में सामान्य जन-जीवन प्रभावित हो गया।
राजस्व प्राधिकारियों के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, भारी बारिश के कारण कम से कम 63 गांवों के लोग प्रभावित हुए तथा कुछ मकानों और 45 हेक्टेयर भूमि पर फसलों को नुकसान पहुंचा है। नांदेड़ में सोमवार की सुबह विष्णुपुरी बांध के गेट खोल दिए गए। जयकवाड़ी बांध का जलस्तर बढ़ने के कारण गोदावरी नदी के किनारे बसे गांवों में ‘अलर्ट’ जारी कर दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, मराठवाड़ा के सभी आठ जिलों के 284 राजस्व क्षेत्रों में रविवार को 65 मिमी से अधिक भारी बारिश हुई। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में पाथरी गांव में सबसे अधिक 314.50 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद परभणी के बाभलगांव क्षेत्र में 277 मिमी बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश के कारण हिंगोली और सेनगांव गांवों को जोड़ने वाला पुल जलमग्न हो गया।
सिद्धेश्वर, जयकवाड़ी और विष्णुपुरी बांधों से सोमवार को पानी छोड़ा जा रहा है। 11 प्रमुख परियोजनाओं में जल संग्रहण स्तर बढ़कर 71.44 प्रतिशत हो गया। विष्णुपुरी बांध पूरी तरह भर गया है जबकि जयकवाड़ी में जल संग्रहण 87.03 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जयकवाड़ी बांध की दाहिनी नहर से 700 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि नांदेड़ में विष्णुपुरी बांध के 10 गेट खोल दिए गए हैं और 1.01 लाख क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया है। अधिकारियों ने बताया, ‘‘एक सितंबर को बारिश के कारण कम से कम चार लोगों और 88 पशुओं की जान चली गई। 29 पक्के और 135 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इसी तरह 18 गांवों के 74 किसानों की 45.20 हेक्टेयर भूमि पर फसलें भी प्रभावित हुईं।’’