अमृतसर में विजय दशमी के दिन रावण दहन के आयोजक ने एक वीडियो जारी करके नया खुलासा किया है। रावण दहन के आयोजक सौरभ मदान ने अज्ञात स्थान से वीडियो बना जारी किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने वीडियो को पोस्ट किया है। सौरभ मदान वीडियो में पंजाबी में बोलते दिख रहे हैं। सौरभ ने कहा, हमनें सभी अनुमतियां ले ली गई थीं, भीड़ को भी कम से कम दस बार इस बात की चेतावनी दी गई है कि वह रेल की पटरियों पर ना खड़े हो। हादसे से बहुत तकलीफ हुई है लेकिन कुछ लोग बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।''
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, इस मामले में अमृतसर पुलिस कमिश्नर का बयान पंजाब सरकार का ही बयान माना जाना चाहिए, उन्होंने कहा है कि रेलवे ने किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी। मनोज सिन्हा ने अमृतसर में दशहरा मेला के दौरान पटरी पर आए लोगों को रौंदने वाली ट्रेन के चालक के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कारवाई से इनकार कर दिया है। शनिवार को सिन्हा ने कहा कि रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं थी। सिन्हा ने इसके साथ ही लोगों को भविष्य में रेल पटरियों के पास ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की सलाह दी
अमृतसर रेल हादसे में किसकी लापरवाही? चार हफ्तों के भीतर रिपोर्ट
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुरेश अरोड़ा ने रविवार को बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेलवे) इकबाल प्रीत सिंह सहोता अमृतसर ट्रेन हादसे की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच करेंगे।
पुलिस स्मृति दिवस परेड से इतर मीडिया कर्मियों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि वहां किसी की ओर से ''लापरवाही'' हुई है और इस जांच का आदेश जिम्मेदारी तय करने के लिए दिया गया है। अरोड़ा ने कहा कि यह एक बेहद दुखद घटना है और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जालंधर के संभागीय आयुक्त बी पुरूषार्थ की अगुवाई में एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया जो चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंप देंगे। डीजीपी सुरेश अरोड़ा के साथ-साथ एडीजीपी प्रीत सिंह सहोता भी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच करेंगे।