अमृतसर में विजय दशमी के दिन रावण दहन के वक्त हुए रेल हादसे में मारे गए लोगों की संख्या 62 हो गई है। अमृतसर का हादसा रेलवे के इतिहास में भीषण हादसों में से एक है। लेकिन घटना के चार दिनों के बाद भी अभी तक ये दुर्घटना किस की लापरवाही की वजह से हुई है, इसका पता नहीं चल पाया है। इस मामले को लेकर पंजाब हाई कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की गई है।
सीबीआई जांच की उठी मांग
अमृतसर रेल हादसे की जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग उठ रही है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें अमृतसर रेल हादसे के लिए सीबीआई जांच या विशेष जांच दल (एसआईटी) की मांग की गई है।
अमृतसर रेल हादसे में किसकी लापरवाही? चार हफ्तों के भीतर रिपोर्ट
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुरेश अरोड़ा ने रविवार को बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेलवे) इकबाल प्रीत सिंह सहोता अमृतसर ट्रेन हादसे की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच करेंगे।
पुलिस स्मृति दिवस परेड से इतर मीडिया कर्मियों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि वहां किसी की ओर से ''लापरवाही'' हुई है और इस जांच का आदेश जिम्मेदारी तय करने के लिए दिया गया है। अरोड़ा ने कहा कि यह एक बेहद दुखद घटना है और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जालंधर के संभागीय आयुक्त बी पुरूषार्थ की अगुवाई में एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया जो चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंप देंगे। डीजीपी सुरेश अरोड़ा के साथ-साथ एडीजीपी प्रीत सिंह सहोता भी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच करेंगे।
रेलवे ने नंही दी किसी कार्यक्रम की अनुमति
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, इस मामले में अमृतसर पुलिस कमिश्नर का बयान पंजाब सरकार का ही बयान माना जाना चाहिए, उन्होंने कहा है कि रेलवे ने किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी। मनोज सिन्हा ने अमृतसर में दशहरा मेला के दौरान पटरी पर आए लोगों को रौंदने वाली ट्रेन के चालक के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कारवाई से इनकार कर दिया है। शनिवार को सिन्हा ने कहा कि रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं थी।
सिन्हा ने इसके साथ ही लोगों को भविष्य में रेल पटरियों के पास ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की सलाह दी
बता दें कि अमृतसर में जौड़ा फाटक के निकट शुक्रवार शाम को रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गए जिसमें कम से कम 62 लोगों की मौत हो गई थी।
अमृतसर के निकट जौड़ा फाटक पर जब यह हादसा हुआ उस समय पटरियों से सटे मैदान पर कम से कम 300 लोग एकत्रित थे।
बढ़ सकता है पीड़ित परिवारों का मुआवजा
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने निर्देश दिया है कि हादसे में पीड़ित परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का ब्यौरा तैयार किया जाए। खबरों के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस निर्देश के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मुआवजा को बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल मुआवजे की राशि पॉंच-पॉंच लाख रुपए तय की गई है।
एक और घायल व्यक्ति ने रविवार को तोड़ा दम
इस ट्रेन हादसे में घायल 19 वर्षीय एक व्यक्ति ने रविवार को यहां के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़ कर 62 हो गई है।
नगर निगम के पार्षद राजिन्दर सैनी ने बताया कि वार्ड नंबर 24 के एक निवासी ने रविवार शाम को दम तोड़ दिया। हालांकि, जिले के अधिकारियों ने मौत की पुष्टि नहीं की है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा था कि 59 लोग मारे गये हैं जबकि अमृतसर के उप संभागीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने उस दिन मरने वालों की संख्या 61 बताई थी।
40 लोगों पर पथराव को लेकर मामला दर्ज
रेलगाड़ी दुर्घटना स्थल पर सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष करने और उन पर पथराव करने पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया और करीब 40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। यह जानकारी रविवार को पुलिस ने दी।
इससे पहले दिन में एक रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे लोगों को हटाने के दौरान सुरक्षा बलों से हुए संघर्ष में पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार जख्मी हो गए। शुक्रवार को रेलगाड़ी ने जिस स्थान पर 59 लोगों को कुचला था वहीं पर लोग धरना दे रहे थे।
पुलिस ने कहा कि भादंसं की धारा 307 (हत्या का प्रयास) सहित संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी जौड़ा फाटक क्षेत्र के निवासी थे।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)