नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेंगे। वही इस विधेयक के विरोध में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने अपने सांसदों को 7 औऱ 8 अगस्त को राज्यसभा में उपस्थित रहने के लिए व्हीप जारी किया है।
इससे पूर्व मोदी सरकार ने बीते गुरुवार को यह विधेयक लोकसभा में पेश किया था। लोकसभा में सत्ता पक्ष के संख्या बल और विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बीच यह विधेयक लोकसभा में पास हो गया था। केंद्र सरकार की ओर से 19 मई को लाये गये अध्यादेश की जगह दिल्ली सेवा विधेयक संसद में पेश किया गया है, जो राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित है।
समाचार वेबसाइट जी न्यूज के अनुसार इस विधेयक से सीधे प्रभावित हो रही आम आदमी पार्टी (आप) संसद में सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन मांग रही है और उसे समर्थन मिल भी रहा है लेकिन तटस्थ दल की भूमिका में रहने वाली आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने विधेयक के पक्ष में वोटिंग का ऐलान किया है।
जहां तक राज्यसभा के गणित का सवाल है तो यहां पर कुल 245 सीटें हैं, जिनमें से 8 खाली हैं तो इस विधेयक पर वोटिंग के लिए 237 सांसद पक्ष एवं विपक्ष में वोट करेंगे और राज्यसभा में विधेयक को पारित करने के लिए बहुमत का आंकड़ा 119 है। होगा।
विपक्षी दलों की बात करें तो कांग्रेस सहित विपक्ष के सभी दलों की संख्या 105 पर ठहर रही है। वहीं वाईएसआरसीपी के अलावा बीजू जनता दल (बीजेडी) ने विधेयक को अपना समर्थन दिया है, जिससे राज्यसभा में सत्ताधारी एनडीए को बहुमत आसानी से मिल जाएगा।
हालांकि कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में पेश किये जा रहे इस विधेयक के विषय में कहा, "विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया का इस बिल पर रुख स्पष्ट है कि हम इसके खिलाफ हैं।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस विधेयक के खिलाफ जबरदस्त तरीके से लामबंद हैं। आप मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सभी विपक्षी दल मिलकर इस विधेयक के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन करेंगे। गोपाल राय ने कहा, "केंद्र सरकार दिल्ली के अधिकारों को जबरदस्ती छीन रही है। इसलिए विपक्षी दल मिलकर सोमवार को केंद्र के इस विधेयक का विरोध प्रदर्शन करेंगे।"