लाइव न्यूज़ :

Vitthal Temple: हम्पी के 500 साल पुराने विट्ठल मंदिर के स्तंभों से निकलता आश्चर्यजनक संगीत

By अनुभा जैन | Updated: November 9, 2024 14:31 IST

Vitthal Temple:

Open in App

Vitthal Temple: हम्पी, एक यूनेस्को विश्व हैरिटेज साइट और पूर्ववर्ती विजयनगर साम्राज्य की राजधानी है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, स्थापत्य स्मारकों, खंडहरों और शानदार नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। साम्राज्य के खंडहरों में कई अजूबे छिपे हैं। हम्पी के मध्य में, तुंगभद्रा नदी के तट के पास, 500 साल पुराना भव्य विट्ठल मंदिर (जिसे विट्ठल या श्री विजय विट्ठल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है) स्थित है।

राजा कृष्णदेवराय द्वितीय के शासनकाल के दौरान 15वीं शताब्दी में निर्मित, मंदिर में वास्तुशिल्प विकास हुआ है और प्रत्येक उत्तराधिकारी राजा ने इस आकर्षक स्थल पर अपना अनूठा स्पर्श जोड़ा है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान विट्ठल को समर्पित है और अपने असाधारण पत्थर की संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें प्रभावशाली पत्थर का रथ और 56 'सारेगामा' नाम से प्रसिद्व संगीत स्तंभ शामिल हैं जो बड़े रंग मंडप/महामंतप (मेन हॉल) के रास्ते में हैं। महामंतप का मुख्य आकर्षण इसके समृद्ध नक्काशीदार विशाल अखंड स्तंभ हैं।

सबसे बाहरी स्तंभों को संगीत स्तंभ कहा जाता है। मंदिर वास्तुकला की द्रविड़ शैली में बनाया गया है और 164 मीटर/ 94.5 मीटर के एक बड़े आयताकार घेरे में खड़ा है। प्रत्येक स्तंभ 3.6 मीटर ऊंचा है और ठोस ग्रेनाइट से बना है। ये विशाल स्तंभ मंडप की छत को भी महत्वपूर्ण सहारा प्रदान करते हैं और मुख्य स्तंभों को संगीत वाद्ययंत्रों के आकार में बनाया गया है इसलिए, स्तंभों का नाम प्रत्येक स्तंभ से उत्पन्न स्वरों के आधार पर मृदंगम, तबला, डमरू, वीणा जैसे वाद्ययंत्रों के नाम पर रखा गया है।

भार वहन करने वाले स्तंभों से उकेरे गए स्तंभों पर जिन्हें कोलोनेट्स कहा जाता है, मार करने से ये ध्वनियाँ उत्पन्न होती हैं। कोलोनेट्स की अधूरी या अनफिनिश्ड प्रकृति कमल के आकार की या मुकुट जैसी स्लेंडर है। ये छोटे स्तंभ संगीतमय स्तंभों के तारों के रूप में काम करते हैं और ध्वनि को बदलते हैं।

दिलचस्प तथ्य यह है कि इन स्तंभों से निकलने वाली संगीतमय ध्वनि के पीछे का कारण कोई नहीं जानता है! पहले के समय में इन स्तंभों से उत्पन्न ध्वनियों का पता लगाने के लिए, शोधकर्ताओं ने कोलोनेट्स को काटा, इन स्तंभों के पत्थर को गहराई तक छीला और संरचना का परीक्षण किया। उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि स्तंभ अंदर से खोखले नहीं बल्कि चट्टान की तरह ठोस थे।

ऐसा कहा जाता है कि मंडप हॉल को 1565 में मुगल विजेताओं ने आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था। महामंतप के भीतर चार खुले हॉल आते हैं। जबकि दक्षिणी, उत्तरी और पूर्वी हॉल काफी हद तक बरकरार हैं, मुख्य हॉल थोड़ा सा ढह गया है। केंद्रीय पश्चिमी हॉल ढह गया है।

पूर्वी हॉल की दीवारों पर संगीतकारों और नर्तकियों की विस्तृत मूर्तियां हैं। दक्षिणी हॉल यालिस नामक पौराणिक प्राणियों की मूर्तियों से ढका हुआ है जिनमें आंशिक रूप से शेर, हाथी और घोड़ा शामिलहम्पी में प्रमुख स्मारक के रूप में बने इस मंदिर के ये अनोखे स्तंभ विजयनगर साम्राज्य के वैज्ञानिक परिचय का प्रमाण हैं। विरासत के प्रति उत्साही और पर्यटकों के लिए यह चमत्कारों से भरा मंदिर इतिहास के पुराने पन्नों में वापस यात्रा करने का सुअवसर प्रदान करता है। हैं।

टॅग्स :कर्नाटकTemple
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टKarnataka: बेलगावी में स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतKarnataka Politics: एक बार फिर ब्रेकफास्ट टेबल पर सिद्धारमैया-शिवकुमार, डिप्टी सीएम के घर पहुंचे CM सिद्धारमैया

क्रिकेटटीम इंडिया से बाहर, 10 चौका, 8 छक्का, 50 गेंद और नाबाद 113 रन?, त्रिपुरा बॉलर पर टूटे इशान किशन

क्रिकेटकर्नाटक राज्य क्रिकेट संघः क्या फिर से बाजी मार पाएंगे पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद?, केएससीए चुनाव में केएन शांत कुमार दे रहे टक्कर

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक