Amarnath yatra: पहलगाम नरसंहार के कारण इस बार की अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण में कमी को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने यात्रा शुरू होने से तीन दिन पहले ही आज से आन स्पाट पंजीकरण की शुरूआत कर दी है। जबकि यात्रा में शामिल होने के लिए आने वालों में पहलगाम नरंहार की कोई दहशत नजर नहीं आ रही थी। आनलाइन पंजीकरण कई दिन पहले ही शुरू हो गया था, लेकिन जिन लोगों ने डिजिटल पंजीकरण नहीं कराया है, उनके लिए प्रशासन द्वारा स्थापित विशेष केंद्रों पर आज से आफलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है।
इन निर्दिष्ट पंजीकरण केंद्रों पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी गई क्योंकि श्रद्धालु पवित्र तीर्थयात्रा के लिए अपने परमिट सुरक्षित करने के लिए सुबह से ही कतार में लग गए थे। दूर-दराज के राज्यों से आए कुछ श्रद्धालुओं ने आशा और भक्ति के साथ अपनी बारी का इंतजार किया, जिससे माहौल मंत्रोच्चार और आध्यात्मिक उत्साह से भर गया।
जानकारी के लिए तीर्थयात्रा तीन जुलाई से शुरू होगी। इसमें शामिल होने के लिए जम्मू से पहला जत्था दो जुलाई को यात्री निवास भगवतीनगर से रवाना होगा। विभिन्न प्रदेशों से शिव भक्त जम्मू पहुंचना शुरू हो गए हैं। तत्काल पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है पर सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम में आम लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है।
इतना जरूर था कि हालांकि पहलगाम के निकट आतंकी हमले सहित हाल की घटनाओं के बावजूद तीर्थयात्री पवित्र यात्रा करने के अपने संकल्प पर अडिग हैं। जम्मू पहुंची एक श्रद्धालु माया कौल ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की। वे कहती थीं हम यहां छह लोग हैं और पहलगाम से होकर जाएंगे। हमें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है और किसी भी चीज से डरने की जरूरत नहीं है।
मैं लोगों से बड़ी संख्या में अमरनाथ यात्रा पर आने का आग्रह करता हूं। जबकि 15 श्रद्धज्ञलुओं के समूह के साथ मुंबई से आए शकदीप झा ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि मैं यहां आकर बहुत खुश हूं। हम पहलगाम मार्ग से यात्रा जारी रखेंगे। जब उनसे हाल ही में हुए हमले के बाद किसी भी आशंका के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दृढ़ता से जवाब दिया कि हमें किसी बात का डर नहीं है।
हमारी सेना हमारी रक्षा के लिए मौजूद है। जब तक हमारे पास हमारी सेना है, हम बिना किसी डर के कहीं भी जा सकते हैं। लोगों को बिना किसी डर के बड़ी संख्या में यहां आना चाहिए। इसी तरह से उत्तर प्रदेश के एक अन्य तीर्थयात्री दीपक शर्मा ने बारिश के मौसम के बावजूद अपने दृढ़ संकल्प के बारे में बताया।
38 दिनों तक जम्मू सहन करेगा रोडबंदी...
3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की सकुशलता के लिए सबसे अधिक ‘कुर्बानी’ जम्मू कश्मीर के लोगों को देनी होगी। खासकर जम्मू की जनता को जिसे 38 दिनों तक रोडबंदी के नाम पर कथित असुविधायों का सामना इसलिए करना होगा क्योंकि प्रशासन कोई खतरा मोल नहीं लेते हुए आधे से अधिक शहर में इतने दिनों तक रोडबंदी लागू करने जा रहा है।
वैसे कई सड़क मार्गों पर इसे दो दिन पहले से ही लागू किया जा चुका है। दरअसल अमरनाथ यात्रा यात्रा को लेकर यातायात पुलिस ने जम्मू शहर के लिए एडवाइजरी जारी की है। एसएसपी फारूक केसर ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी साझा की। इसके तहत जम्मू के भगवती नगर से लेकर नगरोटा तक वाया एशिया क्रासिंग, बिक्रम चौक, बीसी रोड, रिहाड़ी, अम्फला और नगरोटा तक श्रद्धालुओं के जत्था गुजरते समय आम वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। यहां तक कि इस मार्ग को जोड़ने वाले लिंक रोड भी बंद रहेंगे।
जानकारी के लिए जम्मू के भगवतीनगर से बालटाल आधार शिविर के लिए सुबह चार बजे और पहलगाम के लिए सुबह 4.30 बजे जत्था रवाना किया जाएगा। यात्रा रवाना होने के आधा घंटा पहले ही तय रूट पर अन्य वाहनों की आवाजाही बंद कर जाएगी और जत्था गुजरने के 10 मिनट बाद आवाजाही बहाल होगी। ये पूरा प्लान 38 दिन तक प्रभावी रहेगा।
पुलिस के अनुसार, जम्मू से श्रीनगर जाने वाले वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुबह छह बजे से दोपहर तक ही जाने की अनुमति होगी। रात 10 बजे के बाद भारी वाहन एवं 12 बजे के बाद छोटे वाहनों को नगरोटा से आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। शहर में छह कट आफ प्वाइंट भी बने हैं। यहां से भी रात 10 बजे से भारी वाहनों और 12 बजे के बाद छोटे वाहनों को जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
पुलिस ने ये भी स्पष्ट किया कि उक्त तय समय हर दिन की स्थिति पर निर्भर करेगा। यात्रा रवाना होने के समय में यदि कुछ बदलाव होता है तो ये अवधि बढ़ भी सकती है या फिर आवाजाही होगी ही नहीं। इसी तरह से इंदिरा चौक से केसी क्रासिंग, महेशपुरा चौक से शकुंतला चौक, विजिलेंस रोटरी से शकुंतला क्रासिंग, सरवाल व सुभाष नगर से रिहाड़ी चौक, एक्सचेंज रोड से रिहाड़ी, अम्फला जेल रोड से अम्फला चौक, जानीपुर से वेद मंदिर अम्फला चौक में भी आम जनता के लिए रोडबंदी लागू की जा रही है।
कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते सुरक्षाबल यात्रियों की सुरक्षा में
परसों यानि 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से पहला जत्था रवाना होगा। ऐसे में सुरक्षाबल शिरकत करने आ रहे हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रति कोई ढील देने को राजी नहीं है। पहलगाम नरसंहार और उसके बाद आपरेशन सिंदूर से उपजे हालात को देखते हुए वे यात्रियों की सुरक्षा की खातिर कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते हैं।
क्योंकि मिलने वाली खबरें कहती हैं कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को नुक्सान पहुंचाने की कोशिशें कर सकते हैं। याद रहे वार्षिक अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है, इसलिए तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है।
अधिकारियों ने पुष्टि की कि विशेष रूप से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य महत्वपूर्ण सड़क संपर्क मार्गों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था पूरी कर ली गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि महत्वपूर्ण जंक्शनों पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है, जबकि यातायात को नियंत्रित करने और आवाजाही पर नजर रखने के लिए हाईवे पर कई चौकियाँ स्थापित की गई हैं।
अधिकारी का कहना था कि राजमार्ग और महत्वपूर्ण चौराहों पर सैनिकों की तैनाती पूरी कर ली गई है। मार्ग के प्रमुख बिंदुओं पर तलाशी बढ़ा दी गई है। निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जानकारी के लिए इस वर्ष एक उल्लेखनीय कदम के रूप में, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के साथ, आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अमरनाथ गुफा के करीब तैनात की जाएगी। तीर्थयात्रा मार्ग और आधार शिविरों पर ड्रोन गतिविधि की निगरानी के लिए विशेष टीमों को भी नियुक्त किया गया है।
यही नहीं चौबीसों घंटे गश्त की जाएगी। दिन में सुरक्षा कर्मियों द्वारा और रात में 360 डिग्री कैमरा लगे मोबाइल बंकर वाहनों (एमबीवी) के माध्यम से। अधिकारी का कहना था कि किसी भी तीर्थयात्री वाहन को नागरिक यातायात के साथ मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तीर्थयात्रियों के काफिले का समय तय होगा और बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर अर्धसैनिक बलों द्वारा उनकी सुरक्षा की जाएगी।
यात्रा काफिले की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए डॉग स्क्वॉड, काउंटर-आईईडी उपकरण, वाहन मरम्मत इकाइयाँ और रिकवरी टीमें भी तैनात की गई हैं। सेना के हेलीकॉप्टर और ड्रोन लगातार क्षेत्र की निगरानी के लिए हवाई निगरानी करेंगे।
उधमपुर में सीआरपीएफ की 137 बटालियन के कमांडेंट रमेश कुमार ने पत्रकारों को बताया था कि राजमार्ग के किनारे विभिन्न बिंदुओं पर विशेष डॉग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं। उनका कहना था कि हम तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं। डरने की कोई बात नहीं है। हमारी टीमें सतर्क और तैयार हैं।
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने अधिकारियों को सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने का निर्देश दिया था, खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कमजोर बिंदुओं पर। उन्होंने जिला स्तर के अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने, खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और किसी भी संभावित आतंकी खतरे को विफल करने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने जिलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति और परिचालन तत्परता की भी समीक्षा की, अधिकारियों को मोटर वाहन चेकपॉइंट (एमवीसीपी) को तेज करने, रात में निगरानी करने और अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया। तीर्थयात्रा 9 अगस्त तक जारी रहने वाली है, इसलिए अधिकारी पवित्र अमरनाथ यात्रा में भाग लेने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और निर्बाध यात्रा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।