लाइव न्यूज़ :

नाबालिग लड़के के साथ मुख मैथुन का अपराध पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत दंडनीय अपराध,  इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला

By भाषा | Updated: November 23, 2021 22:05 IST

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा ने यह टिप्पणी करते हुए कहा, “पॉक्सो कानून के प्रावधानों पर गौर करने से यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता द्वारा किया गया अपराध न तो पॉक्सो कानून की धारा 5/6 के तहत आता है और न ही यह धारा 9 (एम) के तहत आता है।”

Open in App
ठळक मुद्देअपीलकर्ता को धारा-4 के तहत दंड दिया जाना चाहिए।2016 को झांसी के चिरगांव में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सोनू ने बच्चे को 20 रुपये दिए और उससे मुख मैथुन करने को कहा।

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा है कि किसी नाबालिग लड़के के साथ मुख मैथुन का अपराध पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत दंडनीय अपराध है।

न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा ने यह टिप्पणी करते हुए कहा, “पॉक्सो कानून के प्रावधानों पर गौर करने से यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता द्वारा किया गया अपराध न तो पॉक्सो कानून की धारा 5/6 के तहत आता है और न ही यह धारा 9 (एम) के तहत आता है।” अदालत ने कहा कि नाबालिग के साथ मुख मैथुन पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत दंडनीय अपराध है।

इसने कहा, ‘‘पॉक्सो कानून के प्रावधानों को देखने के बाद मेरा विचार है कि अपीलकर्ता को धारा-4 के तहत दंड दिया जाना चाहिए।” यह आदेश झांसी जिले के सोनू कुशवाहा द्वारा दायर अपील पर 18 नवंबर को पारित किया गया। इस मामले के तथ्यों के मुताबिक, शिकायतकर्ता श्रीदेव सिंह ने अपीलकर्ता सोनू कुशवाहा के खिलाफ 26 मार्च, 2016 को झांसी के चिरगांव में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि 22 मार्च, 2016 को शाम पांच बजे सोनू उसके घर आया और उसके 10 वर्षीय बेटे को हरदौल में एक मंदिर में ले गया।

प्राथमिकी के मुताबिक, वहां सोनू ने बच्चे को 20 रुपये दिए और उससे मुख मैथुन करने को कहा। इसके बाद, बच्चा 20 रुपये लेकर जब अपने घर आया, तो उसके चचेरे भाई संतोष ने उससे पूछा कि उसे 20 रुपये कहां से मिले। इस पर लड़के ने सारी बात बताई। दर्ज मामले के अनुसार, अपीलकर्ता सोनू ने लड़के को इस घटना के बारे में किसी को नहीं बताने की धमकी भी दी थी।

शिकायतकर्ता की लिखित शिकायत पर सोनू के खिलाफ भादंसं की धारा 377 और 506 एवं पॉक्सो कानून की धारा 3/ 4 के तहत मामला दर्ज किया गया। झांसी के अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो कानून के निर्णय के खिलाफ सोनू की अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत सोनू के कारावास की सजा 10 वर्ष से घटाकर सात वर्ष कर दी। 

टॅग्स :इलाहाबादहाई कोर्टउत्तर प्रदेशपोक्सो
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

भारतफिर खुलेगी आईएएस संतोष वर्मा की फाइल, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच को दी मंजूरी

भारतयूपी में निजी संस्थाएं संभालेंगी 7,560 सरकारी गोआश्रय स्थल, पीपीपी मॉडल पर 7,560  गोआश्रय स्थल चलाने की योजना तैयार

भारतमुजफ्फरनगर की मस्जिदों से 55 से ज्यादा लाउडस्पीकर हटाए गए

क्राइम अलर्टEtah Accident: तेज रफ्तार ट्रक का कहर, दो मोटरसाइकिल को मारी टक्कर, तीन लोगों की मौत

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई