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पश्चिम बंगाल: इसी महीने से सरकारी स्कूलों के मिड डे मील में मिलेंगे चिकन और मौसमी फल, योजना में शिकायतें और खराब खाना के बाद सरकार ने लिया यह फैसला

By आजाद खान | Updated: January 5, 2023 18:58 IST

बताया जा रहा है कि इससे पहले मिड डे मील को लेकर काफी शिकायतें आ रही थी, ऐसे में सरकार ने मिड डे मील में चिकन और मौसमी फलों को शामिल कर इन शिकायतों को दूर करने की कोशिश की है।

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ठळक मुद्देपश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों के मिड डे मील में कुछ और मेनू जुड़ गए हैं। इन मेनू में मिड डे मील के साथ चिकन और मौसमी फल को जोड़े गए है। ऐसे में ये मेनू इसी महीने से लेकर अप्रैल तक चालु रहेगा और बच्चों को दिया जाएगा।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में अब से मिड डे मील में मांस, अंडे और फलें दी जाएगी। इसका फैसला स्कूल शिक्षा विभाग (एसएससी) ने लिया है और इसके लिए राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है। 

दरअसल, बहुत दिनों से स्कूलों के मिड डी मील को लेकर काफी शिकायतें आ रही थी। ऐसे में सीएम ममता बनर्जी ने यह फैसला लेकर अपने सरकार के खिलाफ उठ रहे सवालों को शांत भी कर दिया है। ऐसे में इस महीने से लेकर आने वाले चार महीनों में ये मिड डे मील में ये अतिरिक्त पोषण दिए जाएंगे। 

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मिड डे मील में अब से उन्हें मांस, अंडे और फलें दी जाएगी। इसके तहत उन्हें चिकन, हफ्ते में तीन दिन अंडे और मौसमी फल भी दिए जाएंगे। नोटिफिकेशन के अनुसार, जनवरी 2023 से लेकर अप्रैल 2023 तक ये अतिरिक्त पोषण मिड डे मील में बांटे जाएंगे। ऐसे में मिड डे मील में बच्चों को दाल-चावल-कढ़ी के साथ चिकन, अंडे और मौसमी फल भी मिलेंगे। 

आपको बता दें कि सरकार ने इसके लिए कुल 370 करोड़ रुपए आवंटित किए है। ऐसे में प्रति छात्र प्रति माह कुल 320 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। सरकार को पिछले कई महीनों से मिड डे मील को लेकर शिकायतें मिल रही थी कि इसमें चावल की चोरी हो रही है और इसमें अच्छा खाना परोसा जा रहा है। यही नहीं मिड डे मील को लेकर भ्रष्टाचार के भी कई मामले सामने आ रहे थे। 

 सरकार पर लगा पंचायत चुनाव के मद्देनजर वोटरों को लुभाने का आरोप

इस तरीके से मिड डे मील में भ्रष्टाचार और इसे लेकर आ रही शिकायतों को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार की देखरेख में एक निगरानी दल बनाया था। ऐसे में दल ने इसकी निगरानी की थी और अपनी बात रखी भी थी। 

गौरतलब है कि राज्य में जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले है। ऐसे में सीएम ममता द्वारा मिड डे मील में मांस और अंडे परोसने की योजना पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। ऐसे में यह दावा है कि इस तरीके से सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के साथ अतिरिक्त पोषण के तौर पर मांस और अंडे देकर राज्य सरकार पंचायत चुनाव के वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रही है।  

टॅग्स :पश्चिम बंगालमिड डे मीलममता बनर्जी
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