नई दिल्ली: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने का मामले में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा को सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिल गई है। उनके खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में दायर की गई एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के अनुसार अब नूपुर के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है। दिल्ली पुलिस अब मामले की जांच करेगी। सर्वोच्च न्यायलय ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जब तक इस मामले में जांच जारी है तब तक नुपूर की गिरफ्तारी भी नहीं होगी।
बता दें कि नुपूर शर्मा ने अपनी जान का खतरा बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी कि उनके संबंधित सभी मामलों को दिल्ली स्थानांतरित किया जाए। अब शीर्ष अदालत ने भी माना है कि नुपूर शर्मा को जानखा खतरा है। सर्वोच्च न्यायलय ने अपने आदेश में इस बात को स्वीकार किया है कि, ऐसे मामले सामने आए हैं जिन्हें देख इस बात की पुष्टि होती है कि नूपुर शर्मा की जान को खतरा है। इसी वजह से सभी एफआईआर स्थानांतरित की जा रही हैं। अपने आदेश अदालत ने यह भी कहा है कि दिल्ली पुलिस में यह क्षमता है कि वह सभी जांच एक साथ कर सके।
क्या था मामला
एक टीवी डिबेट में नुपूर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पड़ी की थी। 27 मई को बहस के दौरान भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर नुपूर ने आरोप लगाया कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं। अगर ऐसा चलता रहा तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं। नुपूर ने इसी दौरान कुरान का जिक्र कर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी की जिसपर विवाद शुरू हो गया। नूपुर शर्मा अपने बयान के कारण देश के मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम कट्टर पंथियों के निशाने पर आ गईं। देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। उनके बयान के विरोध में देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए। वीडियो वायरल होने के बाद पांच जून को भाजपा ने नुपुर शर्मा को पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया। सोशल मीडिया पर नुपूर शर्मा का समर्थन करने के कारण राजस्थान में कन्हैया लाल और महाराष्ट्र में उमेश कोल्हे की गला रेत कर हत्या भी की गई। देखते ही देखते यह मामला राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया।