लाइव न्यूज़ :

"वीरशैव-लिंगायत 'शूद्र' हैं, मिलना चाहिए आरक्षण", अखिल भारत वीरशैव लिंगायत महासभा के उपाध्यक्ष प्रभाकर कोरे ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 26, 2023 09:00 IST

अखिल भारत वीरशैव लिंगायत महासभा के उपाध्यक्ष प्रभाकर कोरे ने दावा किया कि वीरशैव-लिंगायत शूद्र हैं और इस कारण वीरशैव-लिंगायत समाज को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए, जिससे ये समुदाय लंबे समय से वंचित है।

Open in App
ठळक मुद्देवीरशैव लिंगायत महासभा के उपाध्यक्ष प्रभाकर कोरे ने वीरशैव-लिंगायत को बताया 'शूद्र' पूर्व राज्यसभा सांसद कोरे ने कहा कि वीरशैव-लिंगायत शूद्र हैं, इस कारण उन्हें आरक्षण दिया जाएउन्होंने कहा कि वीरशैव-लिंगायत न तो ब्राह्मण हैं और न ही क्षत्रिय या वैश्य बल्कि वो शूद्र हैं

बेलगावी: कर्नाटक की सियासत में खासा प्रभाव रखने वाले वीरशैव लिंगायत समुदाय को लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद और अखिल भारत वीरशैव लिंगायत महासभा के उपाध्यक्ष प्रभाकर कोरे ने बेहद सनसनीखेज दावा किया है। कर्नाटक के बेलगावी में कोरे ने बीते शनिवार को दावा किया कि वीरशैव-लिंगायत शूद्र हैं और इस कारण वीरशैव-लिंगायत समाज को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए, जिससे ये समुदाय लंबे समय से वंचित है।

इसके साथ ही प्रभाकर कोरे ने यह भी कहा कि कर्नाटक में कुछ संपन्न समुदायों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है, जबकि वीरशैव-लिंगायत की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा, "मैं इस बात को स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम न तो ब्राह्मण हैं और न ही क्षत्रिय या वैश्य। हम शूद्र हैं लेकिन बावजूद इसके हमें आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया गया है।"

अखिल भारत वीरशैव लिंगायत महासभा के उपाध्यक्ष प्रभाकर कोरे ने वीरशैव-लिंगायत समुदाय के विधायकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किये गये एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, "जब हम स्वयं को 'शूद्र' कह रहे हैं तो केंद्र सरकार को हमें वह आरक्षण प्रदान करना चाहिए जो अन्य शूद्रों को दिया जा रहा है। इसके समुदाय के लोगों का विकास होगा और हम भी अन्य वर्गों की तुलना में खुद को समृद्ध बनाने के लिए समाज में संघर्ष कर सकेंगे।"

इसके साथ ही उन्होंने बसवन्ना के अनुयायियों से अपनी उप-जाति का उल्लेख करने से पहले जाति या धर्म कॉलम में 'वीरशैव लिंगायत' के रूप में पंजीकरण कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लिंगायत समुदाय को एक बनाने के लिए इसका पालन करना बेहद आवश्यक है।

मालूम हो कि लिंगायत एक धार्मिक समुदाय है जो 12वीं सदी के समाज सुधारक वासवन्ना के अनुयायी हैं। कर्नाटक में हिंदुओं के मुख्यत: पांच संप्रदाय माने जाते हैं, जिन्हें शैव, वैष्णव, शाक्त, वैदिक और स्मार्त के नाम से जाना जाता है। इन्हीं में एक शैव संप्रदाय के कई उप संप्रदाय है उसमें से एक हैं वीरशैव-लिंगायत संप्रदाय। लिंगायत इसी वीरशैव संप्रदाय का हिस्सा हैं। 

वीरशैव पंथ की शुरुआत जगत गुरू रेनुकाचार्य ने की। उन्होंने पांच पीठों की स्थापना की जैसे कि आदि शंकराचार्य ने की थी। इन पांच पीठों में से सबसे महत्वपूर्ण मठ चिकमंगलूर का रंभापूरी मठ है। 12वीं शताब्दी में बस्वाचार्य का उदय हुआ, जो इन्हीं जगतगुरु रेनुकाचार्य के अनुयायी थे।

अपने गुरु की विचारधाराओं से थोड़ा अलग बस्वाचार्य यानी बासवन्ना ने सनातन धर्म के विकल्प में एक अलग पंथ खड़ा किया जिसमें निराकार शिव की कल्पना की गई थी। बासवन्ना ने जाति और लिंग भेद का पुरजोर विरोध किया और अपने उपदेशों में काम को ही पूजा बताया। इन्होंने शिव केंद्रित भक्ति आंदोलन को कर्नाटक में नई दिशा दी और इनके अनुयायियों को वीरशैल-लिंगायत कहा जाता है।

टॅग्स :कर्नाटकबेंगलुरुबेलगाम
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टKarnataka: बेलगावी में स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

भारतKarnataka Politics: एक बार फिर ब्रेकफास्ट टेबल पर सिद्धारमैया-शिवकुमार, डिप्टी सीएम के घर पहुंचे CM सिद्धारमैया

क्रिकेटटीम इंडिया से बाहर, 10 चौका, 8 छक्का, 50 गेंद और नाबाद 113 रन?, त्रिपुरा बॉलर पर टूटे इशान किशन

क्रिकेटकर्नाटक राज्य क्रिकेट संघः क्या फिर से बाजी मार पाएंगे पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद?, केएससीए चुनाव में केएन शांत कुमार दे रहे टक्कर

भारतनाश्ते में इडली और वड़ा के साथ ही सत्ता की खींचतान कम?, आखिर कैसे 60 दिन बाद सीएम सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार फिर से एकजुट?, जानें कहानी

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई