नोएडा: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार, 24 फरवरी को नोएडा के दौरे पर पहुंचे। यहां अखिलेश ने मीडिया से बात करते हुए जातीय जनगणना के मुद्दे पर भाजपा पर जमकर हमला बोला। अखिलेश यादव ने इसके बाद एक जनसभा को भी संबोधित किया।
जातीय जनगणना पर अखिलेश यादव ने कहा, "आपको याद होगा लोकसभा में नेताजी, शरद यादव जी, लालू प्रसाद यादव जी एवं देश के और दक्षिण भारत के सभी नेता कांग्रेस पार्टी के पास गए थे कि जातीय जनगणना हो। बीजेपी बहुत होशियार पार्टी है, अपनी पार्टी के उन नेताओं को आगे कर रही है जिनको कुछ नहीं दिया। जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री क्या कहते हैं यह सबसे बड़ा सवाल है।"
सपा प्रमुख ने आगे कहा, "बहुत से जागरूक लोग समाज के आगे आए हैं जिन्होंने कहा बिना जातीय जनगणना के जो हम जनता को सुविधा देना चाहते है, पॉलिसी बनाना चाहते हैं या यो जो योजनाएं जारी करना चाहते हैं उनसे मदद नहीं मिल पाएगी।"
जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "गेहूं का आटा कितने में खरीदते होंगे आप, आटा कितना महंगा हो गया, काली दाल कितने में खरीदते है आप, मूंग दाल अरहर दाल कितने में हो गयी, सौ रुपए में दाल है की नहीं है? इन्होंने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी हो जाएगी। महंगाई तो बढ़ा दी लेकिन आमदनी नहीं बढ़ी। जो लोग पाम आयल का प्रचार करते थे कई लोग बीमार हो गए, और पाम आयल उनका पाओगे जो पहले दुनिया में दो नंबर पर था अब नंबर ही नहीं पता कहा चले गए" अखिलेश यादव ने ये बातें अडानी समूह पर निशाना साधते हुए कही।
बता दें कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की विधान सभा में भी हंगामा हुआ। शुक्रवार, 24 फरवरी को राज्य की विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा विधायक डॉ. संग्राम सिंह यादव ने प्रश्न किया कि क्या सरकार लोकसभा चुनाव से पहले जातीय जनगणना कराएगी? सरकार की ओर से लिखित जवाब देते हुए कहा गया कि नहीं, इसका प्रश्न ही नहीं उठता। इसके बाद समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के विधायकों ने सदन में ही धरना दिया।